2002 के गुजरात दंगों के मामले में मुख्यमंत्री मोदी को पूछताछ के लिए बुलाए जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है. मोदी का कहना है कि उन्हें एस आइ टी ने कभी पूछताछ के लिए बुलाया ही नहीं.
इस मामले में मोदी ने एक ख़त लिखा है. ख़त के ज़रिए मोदी ने एसआइटी के सामने पेश नहीं होने की वजह बताई है. मोदी ने ये भी कहा कि जब भी उन्हें बुलाया जाएगा, वो हाज़िर होंगे.
इससे पहले ये ख़बर आई थी कि पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी ज़ाकिया जाफ़री की अर्जी पर एसआइटी ने मोदी को पूछताछ के लिए 21 मार्च को बुलाया है. लेकिन 21 मार्च को जब मोदी पेश नहीं हुए तो इस पर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे. अब मोदी के खुले ख़त से इस मामले में ट्विस्ट आ गया है.
नरेंद्र मोदी भले ही ख़ुद को सम्मन मिलने से इनकार कर रहे हों लेकिन वो इस मामले में आधा सच ही बोल रहे हैं. सच्चाई यह है कि 11 मार्च को एसआइटी ने मोदी को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए हाज़िर होने को कहा था.
मोदी के मुख्यमंत्री होने की बात को ध्यान में रखते हुए एसआईटी ने उनसे कहा था कि वो 21 मार्च के बाद अपनी सुविधा के हिसाब से कोई भी तारीख़ चुन लें और उसे इसकी जानकारी दें.
मुख्यमंत्री के दफ़्तर ने इस सम्मन की पावती भी भेजी थी. लेकिन उसके बाद किसी तरह की जानकारी एस आइ टी को नहीं दी. अब ऐसे में मोदी कितना सच बोल रहे हैं ये कोई भी समझ सकता है.