माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) और एनसीआर (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) को लेकर केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है. येचुरी ने केंद्र सरकार पर आरटीआई (सूचना का अधिकार) खत्म करने, इलेक्टोरल बॉन्ड्स (चुनावी चंदा) को बढ़ावा देने और सरकार की पारदर्शिता खत्म करने संबंधी कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
इतना ही नहीं उन्होंने प्रधानमंत्री समेत अन्य मंत्रियों पर यह कहते हुए हमला किया है कि आज वे लोग यहां के निवासियों से विश्वसनीयता साबित करने को कह रहे हैं जो अपनी शैक्षणिक डिग्री तक नहीं दिखा सकते.
उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'एक ऐसी सरकार जिसने आरटीआई बंद कर दी, चुनावी बॉन्ड को बढ़ावा दे रहे हैं, जिनके कार्यकाल में पारदर्शिता नाम की कोई चीज नहीं है. पीएम और मंत्री अपनी डिग्री तक नहीं दिखा सकते लेकिन लोगों से अपनी नागरिकता साबित करने को कह रहे हैं. वो यह सब करके बच नहीं सकते.'
A govt — that has shut down RTI, promotes Electoral bonds, has zero transparency, PM and Ministers cannot show their degrees — is now asking Citizens to prove their credentials? They will not get away with this. #CAA_NPR_NRC_Protests
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) January 2, 2020
उन्होंने लिखा कि एनपीआर, एनआरसी के लिए कागजात तैयार कर रहा है. जो यहां के भारतीयों को परेशान करने के लिए है. केंद्र सरकार इस तरह लोगों को परेशान करना बंद करे और एनपीआर और भेदभाव वाले एनआरसी को तत्काल प्रभाव से खत्म करे.
क्या है एनपीआर और क्यों है विवाद?
एनपीआर भारत में रहने वाले स्वाभाविक निवासियों का एक रजिस्टर है. जिसे ग्राम पंचायत, तहसील, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाएगा. नागरिकता कानून, 1955 और सिटिजनशिप रूल्स, 2003 के प्रावधानों के तहत यह रजिस्टर तैयार होता है.
केंद्र सरकार का कहना है कि देश के सभी निवासी, उनकी पहचान और अन्य जानकारियों के अधार पर उनका डेटाबेस तैयार करने के लिए यह प्रक्रिया की जा रही है. जिससे कि सरकारी योजनाओं को तैयार करने, धोखाधड़ी रोकने और हर परिवार तक स्कीमों का लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है.
देशभर में अभी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 (CAA) और एनआरसी का विरोध हो रहा है, क्योंकि इसमें बाहर से आए मुस्लिमों को नागरिकता नहीं देने की बात कही गई है, लेकिन एनपीआर में ‘संदिग्ध नागरिकता’ की पहचान की बात कही गई है.
‘संदिग्ध नागरिकता’ का प्रावधान सिटीजनशिप रूल्स, 2003 (रजिस्ट्रेशन ऑफ सिटीजन्स ऐंड इश्यू ऑफ नेशनल आइडेंडिटी कार्ड्स) में दिया गया है, जिसके तहत ही NPR तैयार किया जा रहा है.
क्या है ‘संदिग्ध नागरिक’?
2003 रूल्स के उपनियम (4) के नियम 4 में कहा गया है कि, ‘जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के वेरिफिकेशन प्रक्रिया के दौरान किसी व्यक्ति या परिवार को ‘संदिग्ध नागरिक’ या ‘संदिग्ध नागरिकता’ माना जा सकता है.