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केरल-बंगाल CPM यूनिट की लड़ाई में फंस न जाए येचुरी की राज्यसभा सीट?

पंश्चिम बंगाल की माकपा ईकाई सीताराम येचुरी को कांग्रेस के सहयोग से राज्यसभा भेजना चाहती है. लेकिन केरल की माकपा ईकाई कांग्रेस की मदद से लेने को लेकर सहमत नहीं है, क्योंकि केरल में कांग्रेस और वामपंथी दल एक दूसरे विरोधी है. हालांकि कांग्रेस येचुरी को समर्थन देने के लिए राजी है.

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माकपा महासचिव सीताराम येचुरी
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी

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  • पश्चिम बंगाल में पांच राज्यसभा सीटें रिक्त हो रही हैं
  • लेफ्ट पार्टियां मिलकर भी राज्यसभा सीट नहीं जीत सकतीं

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी के तीसरी बार राज्यसभा पहुंचने पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. बंगाल की सीपीएम यूनिट के साथ-साथ कांग्रेस की मदद से सीताराम येचुरी को राज्यसभा भेजने के प्रस्ताव पर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तो सहमत है, लेकिन केरल की सीपीएम स्टेट यूनिट ने रोड़ा अटका दिया है.

बता दें कि अप्रैल में पश्चिम बंगाल में पांच राज्यसभा सीटें खाली हो रही हैं. बंगाल में विधायकों के आंकड़े के लिहाज से चार राज्यसभा सीटें टीएमसी के हिस्से में जाना तय है और बाकी एक सीट अन्य के खाते में जा सकती है. ऐसे में एक राज्यसभा सीट पर कांग्रेस के सहयोग से सीपीएम कब्जा जमा सकती है.

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बंगाल में सीपीएम ही नहीं पूरे वामपंथी दलों को भी मिलाने के बाद इतने विधायक नहीं हो रहे हैं कि वे अपने दम पर सीताराम येचुरी को राज्यसभा भेज सके. ऐसे में बंगाल सीपीएम येचुरी को कांग्रेस के सहयोग से उच्च सदन भेजना चाहती है. कांग्रेस येचुरी के नाम पर सहमत भी है.

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हालांकि केरल में कांग्रेस और सीपीएम एक दूसरे के धुर विरोधी हैं. इसीलिए केरल की सीपीएम ईकाई ने यह कहकर येचुरी को राज्यसभा भेजने का विरोध किया है कि कांग्रेस से समर्थन लेना ठीक नहीं है. राज्यसभा सीट के लिए अगर पार्टी कांग्रेस से समर्थन लेगी तो राज्य में उसके खिलाफ कैसे लड़ेगी.

बंगाल से राज्यसभा की जिन पांच सीटों पर चुनाव होना है,  उनमें से फिलहाल चार पर टीएमसी का कब्जा है और एक सीट पर सीपीएम के ऋतब्रत बनर्जी है. हालांकि सीपीएम ने दल विरोधी कार्य के चलते अपने राज्यसभा सदस्य ऋतब्रत बनर्जी को पार्टी से निष्कासित कर रखा है. ऋतब्रत अब टीपीसी के खेमे में चले गए हैं. इसके अलावा टीएमसी से केडी सिंह, अहमद हसन इमरान, जोगेन चौधरी व मनीष गुप्ता का कार्यकाल दो अप्रैल 2020 को समाप्त हो रहा है.

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सीताराम येचुरी 2005 से 2017 के बीच दो बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं. राज्यसभा सदस्य के तौर पर उनका रिकॉर्ड शानदार  रहा है. हालांकि 2017 में सीपीएम ने उन्हें तीसरी बार राज्यसभा भेजने से मना कर दिया था, क्योंकि पार्टी के नियम में तीसरी बार राज्यसभा सीट देने का प्रावधान नहीं है. अब दो साल का अंतराल के बाद एक बार फिर बंगाल सीपीएम ईकाई उन्हें राज्यसभा भेजने चाहती है, लेकिन केरल ईकाई इसमें रोड़ा अटका रही है.

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