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येचुरी को SC से मिला श्रीनगर का टिकट, CJI बोले- देश के नागरिक कहीं भी जा सकते हैं

सुप्रीम कोर्ट ने इसी बीच सीपीएम नेता सीताराम येचुरी को श्रीनगर जाने की इजाजत दे दी है. सीताराम येचुरी ने अपनी पार्टी के विधायक एमवाई तरिगामी से मिलने की अनुमति मांगी थी. हालांकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया है.

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सीताराम येचुरी को श्रीनगर जाने की इजाजत (फाइल फोटो)
सीताराम येचुरी को श्रीनगर जाने की इजाजत (फाइल फोटो)

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  • सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 को लेकर हुई सुनवाई
  • चीफ जस्टिस ने सीताराम येचुरी को श्रीनगर जाने की इजाजत दी
  • श्रीनगर में नजरबंद पार्टी के विधायक से मिलना चाहते हैं येचुरी

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को जम्मू-कश्मीर से जुड़ी कुल 14 याचिकाओं पर सुनवाई हुई. इनमें अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के अलावा घाटी में प्रेस फ्रीडम के साथ-साथ नेताओं के दौरे को लेकर भी याचिका शामिल थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसी बीच भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) नेता सीताराम येचुरी को श्रीनगर जाने की इजाजत दे दी है. सीताराम येचुरी ने अपनी पार्टी के विधायक एमवाई तरिगामी से मिलने की अनुमति मांगी थी. हालांकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया है.

इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हम आपको (सीताराम येचुरी) आपके दोस्त से मिलने की इजाजत देंगे, लेकिन इस दौरान आप कुछ और काम नहीं कर पाएंगे. चीफ जस्टिस ने कहा कि सरकार उन्हें क्यों रोक रही है? वह देश के नागरिक हैं अगर अपने दोस्त से मिलना चाहते हैं,  तो मिल सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद सीताराम येचुरी अब गुरुवार को श्रीनगर जाएंगे.

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इसपर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ये पर्सनल नहीं, पॉलिटिकल विजिट थी. हालांकि, चीफ जस्टिस ने कहा कि हम सिर्फ उनके दोस्त से मिलने की इजाजत दे रहे हैं. गौरतलब है कि इससे पहले भी सीताराम येचुरी श्रीनगर गए थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें एयरपोर्ट से ही वापस दिल्ली वापस भेज दिया था.

सीताराम येचुरी के वकील की तरफ से कहा गया है कि उनके दोस्त की तबीयत खराब है, हमें ये भी नहीं पता है कि वो कहां पर हैं. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि वह Z सुरक्षा में हैं, कहीं लापता नहीं हैं. जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि यहां सुरक्षा की बात नहीं है, अगर कोई नागरिक कहीं जाना चाहता है तो जा सकता है.

इसके अलावा चीफ जस्टिस ने प्रेस फ्रीडम से जुड़े मसले पर भी सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने इसी के साथ ही जम्मू-कश्मीर में मीडिया की आज़ादी को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. अदालत ने केंद्र सरकार को सात दिन में जवाब देने को कहा है. गौरतलब है कि याचिका में कहा गया था कि 5 अगस्त से घाटी में मीडिया पर सरकार की ओर से कुछ पाबंदियां दायर की गई थीं.

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