उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी ने मंगलवार को जो दावा किया, उससे नरेंद्र मोदी को जरूर राहत मिलेगी. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने कहा कि गोधरा ट्रेन अग्निकांड में मरने वाले कार सेवकों के शवों को विश्व हिंदू परिषद को अहमदाबाद ले जाने के लिए सौंपने में कोई साजिश नहीं थी.
एसआईटी के वकील आर एस जमुआर ने कहा, ‘शिकायकर्ता के उस दावे में कोई सच्चाई नहीं है, जिसमें कहा गया था कि 27 फरवरी 2002 को मुख्यमंत्री (नरेंद्र मोदी) और अन्य नेताओं के बीच बंद कमरे में हुई बैठक में विहिप को शवों को सौंपने और उसे अहमदाबाद भेजने के लिए साजिश रची गई थी.’