कई दिन की हिंसा के बाद स्थिति में सुधार के चलते रविवार को समूची कश्मीर घाटी से कर्फ्यू हटा लिया गया.
पुलिस के अनुसार शहर तथा घाटी के अन्य हिस्सों में अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण स्थिति के चलते अधिकारियों ने कर्फ्यू हटाने का फैसला किया. राज्य के तीन जिलों-बडगाम, गंदेरबल और कुपवाड़ा तथा श्रीनगर शहर के कुछ हिस्सों से कर्फ्यू शनिवार को ही हटा लिया गया था. पुलिस सूत्रों ने बताया कि अब कर्फ्यू अनंतनाग, श्रीनगर, बारामूला, कुलगाम, बांदीपुरा, शोपियां और पुलवामा से हटाया गया है.
हिंसक प्रदर्शनों के चलते 31 जुलाई को समूची घाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया था, जिनमें 33 लोग मारे गए और सुरक्षाकर्मियों सहित अन्य बहुत से लोग घायल हो गए थे. घाटी में हिंसा के हालिया दौर में प्रदर्शनकारी सरकारी इमारतों, पुलिस थानों, रेलवे स्टेशनों और वाहनों में आग लगाने जैसी गतिविधियों पर उतर आए थे. इसके चलते कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने प्रदर्शनकारियों से आश्चर्यजनक अपील की कि वे सार्वजनिक संपत्ति को न जलाएं क्योंकि इससे ‘‘आंदोलन’’ को नुकसान पहुंचेगा.{mospagebreak}गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने चार अगस्त को कश्मीर के लोगों से ‘‘विवेक से काम लेने’’ और हिंसक प्रदर्शनों से दूर रहने का आग्रह करते हुए वायदा किया था कि घाटी में एक बार सामान्य स्थिति बहाल हो जाने पर उनकी समस्याओं के समाधान के लिए वार्ता फिर से शुरू की जाएगी.
घाटी में हिंसा में जबर्दस्त वृद्धि से जूझते राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पिछले हफ्ते दिल्ली का दौरा कर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी. उमर ने कहा था कि स्थिति से निपटने के लिए राज्य को राजनीतिक पहल की जरूरत है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया था कि इसके लिए स्थिति के सामानय होने की आवश्यकता है.