जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में शनिवार को संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा किए गए एक ग्रेनेड हमले में 6 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह घटना उस समय हुई जब आतंकवादियों ने भीड़ भरे बिजबेहरा के अरवानी इलाके में सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड से हमला किया. प्रवक्ता ने बताया कि 6 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. घायलों को अस्पताल ले जाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई. उन्होंने बताया कि एक मामला दर्ज कर लिया गया है.
आतंकी जाकिर मूसा समेत 6 आतंकी ढेर
दूसरी ओर शनिवार सुबह शनिवार सुबह सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में आतंकी जाकिर मूसा के एक करीबी समेत छह आतंकवादी मारे गए.कश्मीर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक स्वयं प्रकाश पाणि ने कहा, ‘यह एक रूटीन अभियान था और इसमें सभी 6 आतंकवादी मारे गए.’ उन्होंने बताया कि मारे गए लोग आतंकी गतिविधियों में वांछित थे. पुलिस ने बताया कि मारे गए आतंकी, जाकिर मूसा के आतंकवादी संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद (एजीयूएच) से जुड़े थे. एजीयूएच का प्रतिबंधित अल-कायदा से नाता है . पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की विशेष खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने आज सुबह दक्षिण कश्मीर के अवंतीपुरा इलाके के आरामपुरा गांव में घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया था.
उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चला दी जिससे मुठभेड़ शुरू हुई. सुरक्षा बलों ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से हथियार और गोला बारूद बरामद किए गए हैं. मारे गए आतंकवादियों की पहचान और उनके समूह का पता लगाया जा रहा है.
अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ में कोई भी आम नागरिक हताहत नहीं हुआ है और न ही उसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने बताया कि मारे गए आतंकवादियों की पहचान अरमपोरा (त्राल) के सालेह मोहम्मद अखून, अमलार के फैजल अहमद खानदे, बाटागुंड (त्राल) के नदीम अहमद सोफी, दादसरा (त्राल) के रसीक मीर, रौफ मीर और उमर रमजान के तौर पर हुई है.
पुलिस महानिरक्षक ने बताया कि सभी 6 आतंकवादी सुरक्षा संस्थानों पर हमलों और नागरिकों पर अत्याचार सहित अन्य कई आतंकी गतिविधियों में वांछित थे. प्रवक्ता ने बताया कि एजीयूएच आतंकवादी समूह जाकिर मूसा गुट का हिस्सा था, जो पुलवामा जिले में सक्रिय था. प्रवक्ता ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार, रसिक पिछले पांच वर्ष से कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था. उसके खिलाफ कई मामले भी दर्ज हैं.
उन्होंने बताया कि पुलिस आंकड़ों के अनुसार अखून वर्ष 2015 से आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त था और इलाके में सुरक्षा संस्थानों पर किए कई हमलों और लोगों पर किए अत्याचारों में शामिल था. इसी तरह सोफी और रमजान भी कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थे. रौफ और खानदे भी आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने और उसे अंजाम देने में शामिल थे.
प्रवक्ता ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों के शव पोस्टमॉर्टम के बाद उनके परिवारवालों को सौंप दिए गए हैं. प्रवक्ता के मुताबिक मुठभेड़ स्थल से राइफल सहित हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है. मौके से बरामद सभी सामग्री को आगे की जांच और अन्य आतंकवादी मामलों की जांच के लिए रेकॉर्ड में ले लिया गया है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि मुठभेड़ स्थल के आसपास न जाएं क्योंकि वहां फैली विस्फोटक सामग्री के कारण ऐसे क्षेत्र खतरनाक साबित हो सकते हैं. जब तक वहां से विस्फोटक सामग्री नहीं हटा दी जाती तब तक लोगों को पुलिस का सहयोग करना चाहिए.