scorecardresearch
 

पुराने नोट वापस लेने और इनके बदले नए उतारने में अभी लगेंगे 6 महीने

नोटबंदी के ऐलान से देशभर में मची अफरातफरी थमने का नाम नहीं ले रही है. पीएम मोदी ने बीते 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने और इनकी जगह पर 500 और 2000 के नए नोट लाने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री के इस ऐलान के बाद एटीएम और बैंकों में कैश के लिए लगी कतारें कम होने का नाम नहीं ले रही है.

Advertisement
X
500, 2000 के नए नोट
500, 2000 के नए नोट

Advertisement

नोटबंदी के ऐलान से देशभर में मची अफरातफरी थमने का नाम नहीं ले रही है. पीएम मोदी ने बीते 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने और इनकी जगह पर 500 और 2000 के नए नोट लाने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री के इस ऐलान के बाद एटीएम और बैंकों में कैश के लिए लगी कतारें कम होने का नाम नहीं ले रही है.

सरकार ने पुराने नोट बदलने की डेडलाइन 30 दिसंबर तय की है. पीएम के भरोसे के बाद लोगों को उम्मीद है कि 50 दिनों में पुराने नोट बदलकर नए नोट बाजार में आ जाएंगे. नोटबंदी के मसले पर सरकार हर दूसरे दिन नए ऐलान करती है. भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. लेकिन पुराने नोटों के सामने आने और सरकारी खजाने में जमा होने तथा इनकी जगह नए नोट लेने में करीब 6 महीने लग सकते हैं.

Advertisement

2 खरब डॉलर की भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 98 फीसदी कंज्यूमर पेमेंट कैश के जरिये होता है. ऐसे में पुराने नोटों को बदलने में देरी होने से इकोनॉमी में नुकसान की आशंका है. अनुमान है कि सरकार के इस कदम से अक्टूबर-दिसंबर के बीच देश की विकास दर में 0.5 फीसदी की कमी आ सकती है.

पुर्तगाल की जीडीपी के बराबर नोट बेकार
पीएम मोदी के ऐलान के बाद 500 रुपये वाले 16.6 अरब नोट और 1000 रुपये के 6.7 अरब नोट बेकार हो गए. इसका मतलब हुआ कि 23 अरब से ज्यादा नोट अब किसी काम के नहीं रहे. इन नोटों की कुल कीमत करीब 15 खरब रुपये है. यह रकम पुर्तगाल की जीडीपी के बराबर है.

प्रधानमंत्री ने इन नोटों की जगह 500 और 2000 के नए नोट लाने का ऐलान किया है. बड़े नोट छापने वाले भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड की क्षमता एक महीने में महज 1.3 अरब नोट छापने की है. वह भी जब दो शिफ्ट में काम हो. अगर तीन शि‍फ्ट में काम हो तो भी 2 अरब से ज्यादा नोट नहीं छाप सकते. यानी 1000 के पुराने नोटों के बराबर कीमत की करंसी छापने के लिए इस साल के अंत तक का समय चाहिए.

Advertisement

सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की क्षमता हर महीने एक अरब नोट छापने की है. ऐसे में अगर यह भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर काम करे तो 500 रुपये के टारगेट को पूरा करने के लिए कई और महीने चाहिए. इस बीच ऐसी भी खबरें आई हैं कि नए नोटों की छपाई के चलते 100 रुपये के नोट छापने का काम पूरी तरह रोक दिया गया है.

यहां छप रहे नए नोट
देशभर में इस वक्त चार प्रेसों में नोट छापे जा रहे हैं. कर्नाटक के मैसूर और पश्चिम बंगाल के सालबोनी में 2000 के नए नोट छापे जा रहे हैं जबकि 500 के नोटों की छपाई मध्य प्रदेश के देवास और महाराष्ट्र के नासिक में हो रही है.

ऐसे घूमता है रुपैया
नोट छप जाने के बाद इन्हें रिजर्व बैंक के 19 इश्यू ऑफिसों में भेजे जाते हैं. ये दफ्तर चेन्नई सहित देश के बड़े शहरों में स्थ‍ित हैं. यहां से ये नोट चाक-चौबंद सुरक्षा में देशभर में फैले 4000 से ज्यादा करंसी चेस्ट में भेजे जाते हैं. बैंक के करंसी चेस्ट में एक बार पैसा आ जाता है तो यह उसे अपनी शाखाओं में जमा कर देता है. बैंक की शाखाओं से ये पैसा एटीएम में भी भेजा जाता है.

Advertisement

देशभर में तमाम ऐसे एटीएम हैं जिनमें 2000 के नोट रखे जाने की व्यवस्था नहीं है. देशभर के 2.18 लाख एटीएम में 2000 रुपये के नोट रखे जाने की व्यवस्था के लिए हजारों इंजीनियर दिनरात जुटे हैं. इस सिस्टम को पटरी पर आने में कुछ हफ्ते अभी और लगेंगे. ऐसे में पीएम की ओर से दी गई 50 दिनों की डेडलाइन पर काम पूरा होना आसान नहीं लग रहा है.

 

हालांकि वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि हालात जल्द ही सामान्य हो जाएंगे. मंत्रालय का मानना है कि 500 और 100 रुपये के नोटों की सप्लाई बढ़ने और एटीएम के सही तरीके से काम करने के साथ स्थ‍ितियां तेजी से सुधर जाएंगी.

Advertisement
Advertisement