राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की नियमित यूनिफॉर्म में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. 'गनवेश' कहे जाने वाले खाकी निकर की जगह पैंट लेने वाली है. 11 से 13 मार्च तक होने जा रही तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में वोटिंग के जरिए इस पर फैसला किया जाएगा. आइए जानते हैं वो संभावित छह वजहें जिनके चलते संघ ये बदलाव लाने जा रहा है.
1. युवाओं को आकर्षित करने के लिए
बीते दो वर्षों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यूथ-सेंट्रिक अप्रोच लेकर आगे बढ़ रहा है. ऐसे में ज्यादा
से ज्यादा युवाओं को आकर्षित करने के लिए आरएसएस ने वर्दी में निकर की जगह पतलून लाने
का फैसला लिया है. या यूं कहें कि समाज के ज्यादा पढ़े लिखे वर्ग को रिझाने के मकसद से ही इसपर विचार किया जा रहा है. ऐसा माना जाता है कि ड्रेस कोड में निकर के चलते कुछ विशेष वर्ग के लोग शाखा से नहीं जुड़ते हैं.
2. जेलर जैसी छवि से बाहर निकलने के लिए
माना जाता है कि आरएसएस की हाफ पैंट वाली छवि अंग्रेजों के जमाने के जेलर से मिलती-
जुलती है. अपनी इसी सख्त डंडे वाली इमेज को बदलने के लिए संघ पैंट को यूनिफॉर्म में शामिल करने की सोच रहा है. दरअसल संघ अपनी काली टोपी, सफेद कमीज और खाकी निकर की इमेज से बाहर निकलना चाह रहा है.
3. नयापन लाने के लिए
संघ 1925 में अस्तित्व में आया था जिसके बाद समय के साथ-साथ संघ की वर्दी में नई-नई
चीजें जोड़ी और घटाई गईं. दशकों से चली आ रही हाफ पैंट की परंपरा को तोड़कर नए जमाने के
साथ कदम ताल मिलाने के लिए पैंट अब निकर की जगह लेगी. वैसे भी संघ की ड्रेस में समय-समय पर बदलाव होते रहे हैं. यूनिफॉर्म के आधुनिकीकरण के लिए ये कदम उठाया जा रहा है.
4. 'निकर संघ से, संघ निकर से नहीं' साबित करने के लिए
अपनी वर्दी को लेकर विरोधियों के हमले झेलते आ रहे संघ के नेता अकसर ये कहते रहे हैं कि
निकर संघ से है, संघ निकर से नहीं. और अब इसी बात को साबित करने के लिए ड्रेस में बदलाव
लाया जा रहा है.
5. प्रोफेशनल महिलाओं को रिझाने के लिए
कामकाजी महिलाओं को रिझाने के मकसद से हाफ पैंट की जगह पतलून को देने पर विचार चल रहा है. ऐसा माना जाता है कि निकर वाली इमेज की वजह से महिलाएं संघ से जुड़ने में हिचकिचाती हैं. पतलून को ड्रेस में शामिल करने के बाद महिलाओं को शाखा में सहज माहौल देने की कोशिश की जा रही है.
6. वामपंथियों के कुर्ता इमेज को चुनौती देने के लिए
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वेशभूषा अब बदलने जा रही है, इतना ही नहीं, अब ये फैशनेबल भी
बन जाएगी. अब तक खाकी निकर में नजर आने वाले संघ कार्यकर्ता जल्द ही ट्राउजर्स में नजर
आया करेंगे. पैंट को शामिल करने की वजह वामपंथियों के कुर्ता इमेज को कॉम्पिटीशन देना भी हो सकता है.