scorecardresearch
 

Triple Talaq: जब संसद में स्मृति ने कहा- हिम्मत हो तो हनुमान चालीसा सुना दीजिएगा

Triple talaq smriti irani hanuman chalisa संसद में तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस्लामिक इतिहास का हवाला दिया और उनके भाषण पर टिप्पणी कर रहे एक सदस्य को हनुमान चालीसा पढ़ने तक की नसीहत दे डाली.

Advertisement
X
Smriti Irani
Smriti Irani

Advertisement

शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार को लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा हुई. इस दौरान सत्ता पक्ष समेत विपक्षी दलों के सांसदों ने अपनी राय व्यक्त की और इस दौरान गर्मागरम बहस भी देखने को मिली. चर्चा के दौरान जब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने विचार रखते हुए इस्लामिक इतिहास का जिक्र किया और पैगंबर मोहम्मद के वक्त के कुछ वाकयों का हवाला देते हुए तीन तलाक को समाज की बड़ी बुराई करार दिया तो इस दौरान अचानक उनके तेवर सख्त हो गए और उन्होंने एक सदस्य को हनुमान चालीसा सुनाने की चेतावनी दे डाली.

तीन तलाक पर मीनाक्षी लेखी, मुख्तार अब्बास नकवी और मोहम्मद सलीम जैसे सांसदों के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को अपनी बात रखने का मौका दिया गया. ईरानी ने अपनी बात की शुरुआत में कहा कि सदन में 1986 के कानून की दुहाई दी गई जो कहता है कि कानून के मुताबिक इद्दत की मुद्दत तक ही गुजारा भत्ता मिलेगा. ईरानी ने इसके लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि जब कांग्रेस के पास मौका था तब उनकी सरकार मुस्लिम महिलाओं के समर्थन में खड़ी नहीं हुईं.

Advertisement

जब सख्त हो गए स्मृति ईरानी के तेवर

कांग्रेस की आलोचना करते हुए स्मृति ईरानी ने इस्लामिक इतिहास का हवाला दिया और कहा कि दूसरे खलीफा के सामने पहली बार ऐसा केस आया जब एक व्यक्ति से पूछा गया कि क्या आपने ऐसे तलाक दिया है तो उसने स्वीकार किया और उसे 40 कोड़ों की सजा सुनाई गई. इस बीच उनके सामने से आवाज आई और उनसे खलीफा का नाम लेने की मांग की गई. इस पर स्मृति ईरानी के तेवर बदल गए और उन्होंने कहा, 'हजरत साहब का नाम मुझसे सुनना चाहते हैं तो मैं भी हनुमान चालीसा आपके मुंह से सुनना चाहूंगी, कभी हिम्मत हो तो सुना दीजिएगा.'

इसके आगे उन्होंने तीन तलाक कानून के अपराधीकरण का विरोध करने वालों पर भी टिप्पणी की. स्मृति ने कहा कि दहेज और सती प्रथा को भी गैरकानूनी बनाया गया है और जो लोग कहते हैं कि मुस्लिम समाज में शादी महज एक कॉन्ट्रैक्ट है, ऐसे लोगों को समझना चाहिए कि अगर कॉन्ट्रैक्ट रद्द होता है तो वह भी समान शर्तों पर रद्द किए जाते हैं.

Advertisement
Advertisement