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जेएनयू और रोहित वेमुला मामले में अब स्मृति ईरानी का 'सबूत वार'

जेएनयू और हैदराबाद यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और रजिस्ट्रार की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर के साथ ही पुलिस रिपोर्ट के आधार पर स्मृति विपक्ष को चुप कराने की कोशिश में हैं.

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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

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महिषासुर के आपत्तिजनक पोस्टरों और रोहित वेमुला मामले में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी विपक्ष को एक बार फिर जबाव देने के लिए तैयार दिख रही हैं. स्मृति इस बार सबूतों के साथ संसद में विपक्ष को जवाब देंगी.

जेएनयू और हैदराबाद यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और रजिस्ट्रार की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर के साथ ही पुलिस रिपोर्ट के आधार पर स्मृति विपक्ष को चुप कराने की कोशिश में हैं.

विपक्ष ने जताई थी आपत्ति
दरअसल, दोनों मामलों में संसद में जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने कई सबूत रखे थे, जिस पर विपक्ष ने आपत्ति जताई थी और कई दावों को फर्जी करार दिया था. विपक्ष की आपत्तियों पर केंद्रीय मंत्री ने अपने बयानों को साबित करने के लिए सबूत संसद में पेश करने का वादा किया है.

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दिल्ली पुलिस ने जेएनयू को लिखी थी चिट्ठी
केंद्रीय मंत्री के करीबी सूत्रों के मुताबिक, महिषासुर मामले में 2014 में कुछ छात्रों की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई थी. शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने जेएनयू प्रशासन को चिट्ठी लिखकर यह सलाह दी थी कि कैंपस में भावनाएं भड़काने वाले इवेंट न आयोजित किए जाएं.

रोहित मामले में भी पेश करेंगी सबूत
रोहित वेमुला के मामले में स्मृति ईरानी उन सवालों का जवाब देने के लिए भी राजी हैं, जिनमें कहा गया है कि छात्र की स्कॉलरशिप नहीं दी गई, जबकि रिकॉर्ड के मुताबिक नवंबर 2015 तक उसे स्कॉलरशिप जारी गई है. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने रोहित सुसाइड मामले की जांच के लिए गठित बोर्ड में किसी दलित सदस्य के न होने के आरोपों को भी खारिज किया है और उसके सबूत संसद में रखेंगी.

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