नरेंद्र मोदी के आदेश पर एक महिला आर्किटेक्ट की जासूसी के मामले में केंद्र सरकार द्वारा जांच आयोग बनाने के फैसले पर गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि कैबिनेट में प्रपोजल पास होने के बाद मैंने कानून मंत्री को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उनसे आयोग के लिए नाम और इसकी शर्तें सुझाने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि इस जासूसी मामले के तार कई राज्यों से जुड़े हैं और आयोग हर जगह इसकी जांच करेगा.
शिंदे ने कहा कि बीजेपी के राजनीति से प्रेरित आयोग बनाने के आरोप गलत हैं. अरुण जेटली के आरोप के जवाब में शिंदे बोले कि गुजरात सरकार ने जो जांच आयोग बनाया है, वह सिर्फ उसी एक राज्य में हुई गैरकानूनी जासूसी की जांच कर रहा है, जबकि केंद्रीय आयोग सभी राज्यों में इसकी जांच करेगा. शिंदे ने कहा कि दोनों की तुलना बेमानी है.
बीजेपी पर पलटवार करते हुए शिंदे बोले कि गुजरात से पहले हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में भी इस तरह के गैरकानूनी ढंग से जासूसी के मामले सामने आए हैं. उनका संकेत मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और अरुण जेटली की तरफ था. इन दोनों नेताओं की जासूसी की जा रही थी. इसका जिक्र करने के बाद शिंदे बोले कि राजनीतिक बढ़त लेने के लिए इसका ऐलान नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि जब कागजी कार्रवाई पूरी हो गई, उसके बाद ही आयोग बनाने का फैसला किया गया.