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पहाड़ों पर बरस रही है सफेद आफत, मैदानी इलाकों में भारी ठंड

उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश तक जबर्दस्त बर्फबारी हो रही है, तो बर्फीली हवाओं से मैदानी इलाकों में हड्डियों को गलाने वाली ठंड पड़ रही है. शिमला में आसमान से ऐसी आफत बरस रही है कि पूरा शहर सफेद बर्फ की चादरों से ढंक गया है. ठंड और कोहरे की वजह से शुक्रवार को दिल्ली आने वाली 25 ट्रेन देरी से चल रही हैं तो 2 ट्रेन को कैंसिल करना पड़ा है.दिल्ली के लोधी रोड में आज सुबह न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्स‍ियस रिकॉर्ड किया गया. 

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पहाड़ों पर जमकर हो रही बर्फबारी
पहाड़ों पर जमकर हो रही बर्फबारी

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उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश तक जबर्दस्त बर्फबारी हो रही है, तो बर्फीली हवाओं से मैदानी इलाकों में हड्डियों को गलाने वाली ठंड पड़ रही है. शिमला में आसमान से ऐसी आफत बरस रही है कि पूरा शहर सफेद बर्फ की चादरों से ढंक गया है. ठंड और कोहरे की वजह से शुक्रवार को दिल्ली आने वाली 25 ट्रेन देरी से चल रही हैं तो 2 ट्रेन को कैंसिल करना पड़ा है. दिल्ली के लोधी रोड में आज सुबह न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्स‍ियस रिकॉर्ड किया गया.

हिमाचल प्रदेश में पिछले हफ्ते बर्फबारी शुरू हुई थी, इसके बाद भी छिटपुट बर्फबारी जारी है. मौसम विभाग ने अनुमान जाहिर किया है कि कल एक और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस तैयार हो सकता है, जिसकी वजह से जल्दी ही पहाड़ों में फिर बर्फबारी हो सकती है. सच पूछिए तो हिमाचल प्रदेश की राजधानी इन दिन बर्फिस्तान बन गई है.

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ट्रेने लेट यात्री परेशान
दिल्ली एनसीआर में सर्दी का सीतम जारी है ऐसे में सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना उन लोगो को करना पड़ रहा है जिन्हें ट्रेन से यात्रा करनी है, क्योंकि ज्यादातर ट्रेन अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही हैं. ऐसे में यात्री इस कड़ाके की ठंड में स्टेशन पर समय काटने को मज़बूर हैं. बुज़ुर्ग हो, महिलाएं या छोटे-छोटे बच्चे, हर कोई चादर बिछाकर कम्बल के सहारे किसी तरह से रात गुज़ार रहा है.

बर्फबारी ने तोड़ा 20 साल का रिकॉर्ड
शिमला में अभी भी डेढ़ से दो फीट बर्फ की परत जमी हुई है. स्थानीय लोगों की माने तो शहर में हालात बेहद खराब हैं और सुध लेने वाला कोई नहीं. शिमला नगर निगम का कहना है कि इस बार की बर्फ़बारी किसी आपदा से कम नहीं है. शिमला में इस बार बर्फबारी ने 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. जिंदगी बर्फ पर फिसल रही है और प्रशासन राहत देने में नाकाम है. जनवरी लगते ही पहाड़ों में हर तरफ जबरदस्त बर्फ़बारी होने लगती है.

बद्रीनाथ धाम में भी जमकर बर्फ़बारी हुई है. बद्रीपुरी में चारों तरफ बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है. 3 जनवरी को बद्रीनाथ में दो इंच बर्फ़बारी हुई थी. 8 तारीख को बद्रिपुरी ढाई फीट बर्फ से ढकी हुई मिली. मंदिर से लेकर मकान तक बर्फ की मोटी चादर से ढंके हुए हैं. शीतकाल में बद्रीनाथ के कपाट बंद है इसलिए इस समय वहां गिने-चुने लोग ही रहते हैं. आम लोगों के लिए हनुमान चट्टी से आगे जाना इस समय जाना मना है.

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बद्रीनाथ में बर्फ की मोटी चादर
बद्रीनाथ धाम में पारा माइनस 14 डिग्री के आसपास पहुंच चुका है. पहाड़ों में बर्फ़बारी का सिलसिला जारी रहा तो बद्रीनाथ धाम में बर्फ की चादर और मोटी होती जाएगी. इसके पहले साल 2014 में ऐसा हुआ था कि बद्रीनाथ में कपाट खुलने से पहले 10 फीट बर्फ मार्च के महीने में थी. इस बार भी कुछ उसी तरह की तस्वीर आने के आसार हैं. उधर, उत्तराखंड के औली और जोशीमठ में भी हाड़ कंपाने वाली ठंड शुरू हो गयी है.

सैलानी ले रहे बर्फ का आनंद
चूंकि हिमालय के ऊंचाई वाले इलाकों में रोजाना शाम को बर्फ़बारी हो रही है, इसलिए बर्फीली हवाओं से निचले इलाकों में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. हालांकि सैलानियों को इस मौसम से कोई शिकायत नहीं है. औली उत्तराखंड का मशहूर आइस स्पोर्ट्स सेंटर पर्यटकों से गुलजार है. वही देश के कोने- कोने से आने वाले पर्यटकों को यहां पहुचने में जोशीमठ से औली मार्ग पर 4 किलोमीटर का सफ़र जान हथेली पर रखकर करना पड़ रहा है.

रास्ते को साफ करने के लिए जेसीबी मशीनें तो लगाई गई हैं, लेकिन रास्ता अभी तक नहीं खुल पाया है. इस वजह से हादसे भी हो रहे हैं. अल्मोड़ा के विनसर और उंचाई वाले इलाके इस समय बर्फ से लकदक हैं. रास्तों पर हर तरफ बर्फ ही बर्फ जमी है इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन यहां पहुंचे हुए पर्यटक के लिए तो यह जिंदगी के यादगार के पल है.

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