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हत्या मामले में शोभराज की उम्रकैद की सजा बरकरार

बिकनी किलर चार्ल्स शोभराज की मुक्त हवा में सांस लेने की कोशिशों पर पानी फेरते हुए नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने सन् 1975 के बहुचर्चित अमेरिकी पर्यटक हत्याकांड में उसकी उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा.

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बिकनी किलर चार्ल्स शोभराज की मुक्त हवा में सांस लेने की कोशिशों पर पानी फेरते हुए नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने सन् 1975 के बहुचर्चित अमेरिकी पर्यटक हत्याकांड में उसकी उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा.

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अमेरिकी पर्यटक कोन्नी जो ब्रोनजिच की हत्या के मामले में शोभराज (66) की अपील को ठुकराते हुए न्यायमूर्ति राम कुमार प्रसाद साहा और न्यायमूर्ति गौर ढ़काल की दो सदस्यीय खंडपीठ ने काठमांडो की जिला अदालत और पट्टन अपीली अदालत के फैसलों को सही ठहराया. उच्चतम न्यायालय ने उसकी सारी संपत्ति जब्त करने का भी आदेश दिया. उसने फ्रांसीसी नागरिक शोभराज को फर्जी पासपोर्ट रखने का भी दोषी पाया.

सन 2004 में जिला अदालत ने उसे ब्रोनजिच की हत्या के मामले में 20 साल की उम्रकैद की सजा सुनाई थी और फर्जी पासपोर्ट मामले में 2000 रुपये का जुर्माना लगाया था. अपीली अदालत ने 2005 में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था.

नेपाल की शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में शोभराज द्वारा भारतीय अदालत के सम्मुख दिए गए इस बयान पर गौर फरमाया कि वह घटना के समय अपनी पूर्व गर्लफ्रेंड मैरी के साथ नेपाल गया था. मैरी ने ब्रोनचिज की हत्या में शोभराज का हाथ बताया था. उच्चतम न्यायालय के फैसले पर शोभराज की वकील और सास शंकुतला थापा ने कहा कि उनके मुवक्किल को इंसाफ नहीं मिला. {mospagebreak}

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उन्होंने कहा, ‘हमने उन्हें निर्दोष साबित करने के लिए सभी सबूत पेश किए लेकिन उन्होंने (अदालत ने) उस पर गौर ही नहीं किया.’ शोभराज की पत्नी 22 वर्षीय निहिता बिस्वास ने भी इस फैसले पर असंतोष जताया. ई कांतिपुर की रिपोर्ट के अनुसार निहिता ने अपने पति को निर्दोष बताया और कहा कि न्यायाधीशों ने घूस लेकर फैसला सुनाया. उसने कहा कि उसका नेपाल की न्यायपालिका पर अब भरोसा खत्म हो गया. उसने कहा, ‘अब हम अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे.’

उच्चतम न्यायालय ने 14 जुलाई को यह कहते हुए फैसला टाल दिया था कि उसे इस मामले पर किसी भी निर्णय पर पहुंचने के लिए दो सप्ताह का वक्त चाहिए. एशिया में कई पर्यटकों की हत्या के मामलों से जुड़े शोभराज की ओर अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान सन् 2008 में उस वक्त गया था जब उसने जेल में रहते हुए नेपाली बाला निहिता से शादी की घोषणा की थी. वह अमेरिकी पर्यटक ब्रोनजिच हत्या मामले में पहले ही सात साल से जेल में बंद है.

सन् 1975 में ब्रोनचिज की हत्या कर उसे सड़क किनारे फेंक दिया गया था. शोभराज को सन् 2003 में दूसरी बार नेपाल आने पर गिरफ्तार किया गया था. उसे काठमांडो की रॉयल कैसिनो ने शोभराज को फर्जी पासपोर्ट पर यात्रा करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. बाद में उसे अमेरिकी यात्री की हत्या के मामले में भी दोषी ठहराया गया.

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उधर शोभराज का कहना है कि सन् 2003 से पहले नेपाल आया ही नहीं है और वह वहां उसने कोई अपराध नहीं किया. वह भारत में हत्या के प्रयास के मामले में 21 साल जेल में रह चुका है. रिहा होने के बाद वह फ्रांस चला गया था. शोभराज के पिता भारतीय थे जबकि मां वियतनाम निवासी थी. उसके खिलाफ एक कनाडाई नागरिक की हत्या का मामला लंबित है.

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