सामाजिक कार्यकर्ता और मशहूर साहित्यकार महाश्वेता देवी का गुरुवार को कोलकाता में निधन हो गया. वो दो महीने से यहां के एक अस्पताल में भर्ती थीं. इस हफ्ते उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था.
महाश्वेता देवी ने दोपहर 3:16 बजे अंतिम सांस ली. डॉक्टरों के मुताबिक पिछले हफ्ते उनकी हालत में थोड़ा सुधार हुआ था लेकिन सोमवार को एक बार फिर से उनकी तबीयत खराब होने लगी. उसके बाद उन्हें लगातार वेंटिलेटर पर रखा गया था.
90 साल की महाश्वेता देवी को उनकी कृतियों के लिए रमन मैग्सेसे अवॉर्ड और देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्भ विभूषण सहित तमाम पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. देश के विभिन्न हिस्सों में आदिवासी समाज पर उनके काम बेहद उल्लेखनीय हैं.
महाश्वेता देवी को साहित्य में उनके योगदान को देखते हुए साहित्य अकादमी और ज्ञानपीठ पुरस्कार भी दिया जा चुका है.
Mahashweta Devi wonderfully illustrated the might of the pen. A voice of compassion, equality & justice, she leaves us deeply saddened. RIP.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 28, 2016
महाश्वेता देवी के निधन पर एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया तो दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ट्वीट कर अपनी भावनाएं व्यक्त की. ममता ने कहा कि महाश्वेता देवी के रूप में बंगाल ने एक मां खोई है और मैंने एक गाइड.India has lost a great writer. Bengal has lost a glorious mother. I have lost a personal guide. Mahashweta Di rest in peace
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) July 28, 2016