कर्नाटक विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी असफल हो गए हैं. कर्नाटक में मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिर गई है. कर्नाटक विधानसभा में एचडी कुमारस्वामी ने मंगलवार को विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया था. विश्वास मत के पक्ष में 99 वोट पड़े जबकि विरोध में 105 वोट पड़े. इस बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने सरकार गिरने को लोकतंत्र का काला दिन बताया है.
After all the paid for lavish trips to influence Karnataka lawmakers in Mumbai, what can one make of the HD Kumaraswamy led Cong-JD(S) govt collapse? It’s a black day for democracy when a country that prides in being the worlds largest democracy watches an elected govt crumble.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) July 23, 2019
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए यह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में विधायकों को मुंबई में ठहरने के लिए पैसे दिए गए, कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार को कौन बचा सकता है. वहीं उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह लोकतंत्र की मौत है. भले ही यह गठबंधन अवसरवादी हो लेकिन इसी ने एक अन्य पार्टी को सरकार बनाने का मौका दिया है.
BSP Chief Mayawati: Despite directions from party high command to vote in favor of HD Kumaraswamy, BSP MLA N Mahesh didn't attend the trust vote & violated directions, which is an act of indiscipline. Party has taken this seriously & expelled him with immediate effect. pic.twitter.com/MOTnsnYpKH
— ANI (@ANI) July 23, 2019
कर्नाटक सरकार गिरने के बाद मायावती ने तुरंत कार्रवाई की और अपने विधायक को पार्टी से निकाल दिया जिन्होंने ट्रस्ट वोट में हिस्सा नहीं लिया. मायावती ने एक ट्वीट में लिखा, 'कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार के समर्थन में वोट देने के पार्टी हाईकमान के निर्देश का उल्लंघन करके बीएसपी विधायक एन महेश आज विश्वास मत में अनुपस्थित रहे जो अनुशासनहीनता है जिसे पार्टी ने अति गंभीरता से लिया है और इसलिए श्री महेश को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया गया.'
Siddaramaiah, Congress: 15-16 of our MLAs violated the whip by abstaining from the House during trust vote, thereby, it is a clear violation of Schedule 10 (of the Constitution) and attracts disqualification. pic.twitter.com/ZYVeYcZgp3
— ANI (@ANI) July 23, 2019
इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, 'हमारे 15-16 विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन किया और ट्रस्ट वोट के दौरान सदन में गैर हाजिर रहे. यह संविधान की धारा 10 का स्पष्ट उल्लंघन है और इससे उनकी अयोग्यता का खतरा बढ़ गया है.'