उरी हमले और उसके बाद सर्जिकल स्ट्राइक से पैदा हुए माहौल में दूसरे पड़ोसी देश तो भारत के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं लेकिन चीन अब भी पाकिस्तान के सपोर्ट में है. आतंकवाद के मसले पर भारत के साथ एकजुटता दिखाते हुए बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका, मालदीव और भूटान ने सार्क सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया. हालत यह हुई कि पाकिस्तान को नवंबर में इस्लामाबाद में होने वाला आयोजन स्थगित करना पड़ा. लेकिन ड्रैगन पाकिस्तान का साथ देना जारी रखे हुए है. ऐसे में पाकिस्तान का साथ देने वाले चीन के प्रति भारत में विरोध तेज हो गया है.
बीजेपी के नेता चीनी सामानों के इस्तेमाल नहीं किए जाने की अपील कर रहे हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इस दिवाली पर चीनी सामान के बहिष्कार की अपील की. उन्होंने लोगों से चीनी सामान नहीं खरीदने के साथ ही व्यापारियों से भी चीनी सामान नहीं बेचने की गुजारिश की. विजयवर्गीय ने हालांकि इस बारे में किया गया ट्वीट बाद में डिलीट कर दिया लेकिन तबतक यह ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. उस ट्वीट का स्क्रीनशॉट फेसबुक, व्हाट्सऐप और ट्विटर पर वायरल हो रहा है. इसमें सोशल मीडिया यूजर चीनी सामानों का इस्तेमाल नहीं किए जाने की अपील कर रहे हैं.
विजयवर्गीय की तर्ज पर असम के एक और बीजेपी नेता ने दशहरे और दिवाली से पहले चीनी सामान का बहिष्कार किए जाने की अपील की है. असम में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा की यह अपील चीन की ओर से ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी का पानी रोके की खबर के कुछ दिनों बाद आई है. पिछले महीने ही हिंदू युवा छात्र परिषद की असम यूनिट के नेताओं ने राज्य के लोगों से चीनी सामान नहीं खरीदने की अपील की थी.
इसके अलावा पीएम मोदी का एक फर्जी लेटर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो चीनी सामान नहीं खरीदे जाने की अपील कर रहे हैं. हालांकि, पीएमओ ने इस पर सफाई देते हुए ट्वीट भी किया है.
Few appeals with PM’s ‘signature’ are circulated on social media. Such documents are not authentic. pic.twitter.com/9AOcvHStFu
— PMO India (@PMOIndia) August 31, 2016
पाकिस्तान प्रेम में अंधा हुआ ड्रैगन
उरी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में आए तनाव पर चीन ने चिंता जाहिर की और दोनों पड़ोसी मुल्कों से संयम बरतने की अपील की. ड्रैगन ने आपसी विवादों के निपटारे के लिए बातचीत पर जोर देने की वकालत की. इस तरह चीन एक ओर शांति का दूत बनने का दिखावा कर
रहा है तो दूसरी ओर भारत के खिलाफ अपनी दुश्मनी भी निकाल रहा है.
एनपीटी पर भारत की घेरेबंदी
भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच चीन भारत की घेरेबंदी करने में जुटा है. ड्रैगन ने इसके लिए एनएसजी को हथियार बनाया है. चीन का कहना है कि चूंकि भारत ने एनपीटी पर दस्तखत नहीं किया है इसलिए उसे एनएसजी का सदस्य नहीं बनाया जा सकता. इतना ही नहीं, चीन ने पाकिस्तान से बातचीत में कहा कि अगर भारत की दावेदारी मजबूत होती है तो उस आधार पर पाकिस्तान को भी एनएसजी की सदस्यता मिलनी चाहिए. जानकार कहते हैं कि उरी हमले के बाद भारत जिस तरह पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बना रहा है, उसी को देखते हुए चीन ने यह रणनीति बनाई है.
मसूद अजहर पर अड़ंगा
चीन ने आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर को बचाने की एक और कोशिश की है. चीन ने संयुक्त राष्ट्र में अगर वीटो नहीं लगाया होता तो भारत की मांग पर अजहर मसूद को संयुक्त राष्ट्र का आतंकी घोषित कर दिया जाता. भारत की मांग पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 14 देशों ने मुहर लगा दी थी लेकिन वीटो पावर वाला चीन मसूद को बचाने के लिए अकेले अड़ गया. इसका नतीजा होगा कि मसूद कम से कम छह महीने तक खुले आम घूमता रहेगा और भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचता रहेगा. आपको बता दें कि जैश ए मुहम्मद का सरगना मसूद अजहर ही इस साल पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले का साजिशकर्ता है.
ब्रह्मपुत्र का पानी रोका
उरी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव के तहत सिंधु नदी समझौते की समीक्षा की तो चीन ने इसका बदला लेने के लिए चाल चली. चीन ने तिब्बत में ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी का प्रवाह रोक दिया है. चीन के इस कदम से भारत के साथ साथ बांग्लादेश के लाखों लोगों को पानी की आपूर्ति बाधित हो सकती है. आपको बता दें कि ब्रह्मपुत्र नदी अरुणाचल प्रदेश और असम से होती हुई बांग्लादेश तक जाती है.
चीन ने इस नदी का पानी रोकने के पीछे दलील दी है कि वो इससे बिजली पैदा करेगा और पानी का इस्तेमाल सिंचाई के लिए करेगा. इससे बाढ़ पर काबू पाने में भी मदद मिलने का दावा ड्रैगन ने किया है. लेकिन मौजूदा माहौल में चीन के इस कदम से साफ है कि वो पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई का बदला ले रहा है.
पीएम बनने के बाद मोदी ने चीन से रिश्ते बेहतर करने के लिए तमाम कोशिशें की. मोदी ने कभी चीन के राष्ट्रपति को अपना मेहमान बनाकर भारत बुलाया तो कभी खुद ही चीन की यात्रा पर गए. लेकिन चीन के हुक्मरान पाकिस्तान के प्रेम में अंधे हैं.