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सोशल मीडिया से ही होगी आतंकी की पहचान, सरकार कर रही सॉफ्टवेयर पर काम

गृहमंत्री ने यहां सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के सहयोग से पीएचडी चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित तीन दिवसीय रक्षा और आंतरिक सुरक्षा प्रदर्शनी एवं सम्मेलन-2018 का उद्घाटन करते हुए यह घोषणा की.

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गृहमंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)
गृहमंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)

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आतंकवादियों के खात्मे के लिए केंद्र सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि सरकार जल्द ही एक ड्रोन नीति बनाकर उसे लागू करेगी और जम्मू एवं कश्मीर, गुजरात और असम में आतंकवादी गतिविधियों की निगरानी के लिए तकनीकी उन्नयन किया जाएगा.

गृह मंत्री ने कहा कि नई नीति ड्रोन के उपयोग पर व्यापक नियमों का खुलासा करेगी, जिन्हें भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान में तेजी से शामिल किया जा रहा है ताकि नक्सल प्रभावित घने जंगलों समेत सुरक्षा जोखिमों वाले संवेदनशील इलाकों की निगरानी हो सके.

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, इसके साथ ही उन्होंने बताया कि एक ऐसे सॉफ्टवेयर पर काम किया जा रहा है, जो सोशल मीडिया पर पड़ी किसी भी तस्वीर से व्यक्ति की पहचान कर सकेगा. इससे जो भी आतंकी सोशल मीडिया के जरिए भड़काऊ भाषण देता है तो उनकी आसानी से पहचान हो पाएगी.

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उन्होंने कहा कि कुछ आतंकी या अपराधी ऐसे होते हैं जिनका रिकॉर्ड पुलिस के पास नहीं होता है लेकिन वह सोशल मीडिया के जरिए एक्टिव होते हैं. अब उनकी पहचान साइबर टीम के जरिए हो सकेगी.

आतंकवाद से संबंधित चुनौतियों का जिक्र करते हुए सिंह ने विशेष रूप से जम्मू एवं कश्मीर, गुजरात और असम में आतंकवादी गतिविधियों की निगरानी और जांच करने के लिए तकनीकी उन्नयन और आधुनिकीकरण की घोषणा की.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "हमारे सुरक्षा बल दुनिया की सबसे लंबी सीमाओं में से एक की रक्षा कर रहे हैं, जो 7,500 किमी से अधिक है. इसमें से 900 किलोमीटर की लंबाई वाली सीमा पर भौतिक बाधा लगाना संभव नहीं है.

उन्होंने बताया कि ऐसी लंबी खुली सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए, हमें लेजर, रडार और अन्य नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने की जरूरत है."मंत्री ने साइबर अपराध का मुकाबला करने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया, जिसे उन्होंने आज दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती करार दिया.

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