पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.पी. वीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता वाली केरल की पार्टी सोशलिस्ट जनता डेमोक्रेटिक का रविवार को त्रिशूर में जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव की मौजूदगी में उनकी पार्टी में विलय कर दिया गया.
राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस नीत यूडीएफ में घटक के तौर पर शामिल एसजेडी के विलय को औपचारिकता प्रदान करते हुए शरद यादव और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारी भीड़ की मौजूदगी में वीरेंद्र कुमार को जेडीयू का झंडा सौंपा.
यादव ने वीरेंद्र कुमार को केरल जेडीयू का अध्यक्ष घोषित किया. उन्होंने वीरेंद्र कुमार से पड़ोसी राज्यों कर्नाटक और तमिलनाडु में भी पार्टी को मजबूत करने के प्रयास करने को कहा.
नीतीश ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक क्षण है और राष्ट्रीय स्तर पर समाजवादी एकता की शुरुआत होने जा रही है.’ केरल की 140 सदस्यीय विधानसभा में एसजेडी के दो विधायक हैं जिनमें राज्य के कृषि मंत्री केपी मोहनन और वीरेंद्र कुमार के बेटे श्रेयांश कुमार हैं.
सितंबर में विलय के फैसले की घोषणा करते हुए यादव और वीरेंद्र कुमार ने कहा था कि वे धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों को मजबूत करने के लिए साथ आ रहे हैं और उन्हें लगता है कि इसके लिए एक मंच बनाने की जरूरत है.
वीरेंद्र कुमार 1999 से 2010 तक पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा की अध्यक्षता वाली जनता दल सेकुलर में थे. उस समय जनता दल में कई फाड़ हो गए थे और इसके कुछ नेताओं ने केंद्र की बीजेपी नीत सरकार में शामिल होने का फैसला किया था. उन्होंने सात अगस्त, 2010 को जेडीएस से अलग होकर एसजेडी का गठन किया था.
- इनपुट भाषा से