सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले और उसकी पत्नी कौसर बी की कथित तौर पर हत्या किए जाने के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने छह आईपीएस अधिकारियों को अगले हफ्ते पूछताछ के लिए किसी भी वक्त उपस्थित होने के लिए सम्मन जारी किया है.
सीबीआई के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया, ‘हमने कुछ आईपीएस अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया है. वे मामले की पहले की जा रही जांच का हिस्सा थे.’ सीबीआई सूत्रों के अनुसार इसमें गीता जौहरी भी शामिल हैं. जब राज्य सीआईडी मामले की जांच कर रही थी तो वह मामले की जांच अधिकारी थीं.
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने रजनीश राय को भी बुलाया है. वह उन अधिकारियों में से थे जिन्होंने आईपीएस अधिकारी डी जी वंजारा, राजकुमार पांडियन और दिनेश एम एन को गिरफ्तार किया था. इन तीनों अधिकारियों को सोहराबुद्दीन की मुठभेड़ और नवंबर 2005 में उसकी पत्नी कौसरबी की गुमशुदगी का मुख्य षडयंत्रकारी माना जाता है.
सूत्रों ने बताया कि गुजरात सीआईडी के दो पूर्व प्रमुखों और राज्य एजेंसी के मौजूदा प्रमुख को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है. सीबीआई को मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपे जाने से पहले गुजरात सीआईडी इस मामले की जांच कर रही थी. सीआईडी के मौजूदा प्रमुख वी वी राबरी हैं. उनके दो पूर्ववर्ती जी सी रायगर और ओ पी माथुर हैं.
छठे अधिकारी गिरीश सिंघल हैं, जो फिलहाल गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) में शामिल हैं. जब मुठभेड़ हुई थी तो सिंघल गांधीनगर के पुलिस अधीक्षक थे. दो दिन पहले सीबीआई ने डीसीपी अभय चूड़ासामा को गिरफ्तार किया था. इस मामले में गिरफ्तार किए गए वह चौथे आईपीएस अधिकारी हैं.