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केन्या से लेकर चीन तक दिखेगा सूर्यग्रहण

भारत में करीब 34 साल बाद लौट आया है वलयाकार सूर्यग्रहण का नजारा. आखिरी बार यहां के लोगों ने 29 अप्रैल 1976 को वलयाकार सूर्यग्रहण का दीदार किया था. 15 जनवरी को एक बार से उसी अनुभव को दुनिया के कई देश दीदार कर रहे हैं.

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भारत में करीब 34 साल बाद लौट आया है वलयाकार सूर्यग्रहण का नजारा. आखिरी बार यहां के लोगों ने 29 अप्रैल 1976 को वलयाकार सूर्यग्रहण का दीदार किया था. 15 जनवरी को एक बार से उसी अनुभव को दुनिया के कई देश दीदार कर रहे हैं.

सूर्य पर चंद्रमा की परछाई को अफ्रीका से लेकर एशिया तक कई देशों में देखा जा रहा है. ग्रहण की शुरुआत केन्या से हुई और अंत चीन में होगा. 15 जनवरी का वलयाकार सूर्यग्रहण पृथ्वी के एक बड़े हिस्से में देखा जा रहा है. ग्रहण की छाया पूर्वी यूरोप, अफ्रीका और एशिया पर पड़ेगी.

सूर्यग्रहण की शुरुआत अफ्रीका के केन्या के पास सुबह 9 बजकर 35 मिनट 24 सेकेंड पर शुरु हुआ. भारतीय समय के मुताबिक सुबह 10 बजकर 44 मिनट पर वलयाकार ग्रहण को देखा गया. इसके बाद यह ग्रहण हिंद महासागर में उतर जाएगा. अधिकतम ग्रहण की स्थिति दोपहर 12 बजकर 36 मिनट पर बनेगी. यहां पर वलयाकार ग्रहण की अवधि 11 मिनट 8 सेकेंड की होगी. इसके बाद ग्रहण की छाया भारत के ऊपर से होकर गुजरेगी.

दक्षिण भारत में त्रिवेंद्रम, कन्याकुमारी, नागरकोइल, मदुरई, तंजौर और रामेश्वरम में वलयाकार ग्रण का अदभुत नजारा दिखेगा. इसके बाद चंद्रमा की छाया बंगाल की खाड़ी होते हुए मिजोरम को छूते हुए चीन पहुंच जाएगी. यहां पर भारतीय समय के मुताबिक शाम 3 बजकर 37 मिनट और 36 सेकेंड पर सूर्यग्रहण खत्म हो जाएगा. सूर्यग्रहण की खासियत है कि वो अलग अलग जगहों पर अलग अलग वक्त पर शुरु और खत्म होता है.

इस बार देश के बाकी हिस्सों में यह ग्रहण आंशिक ही दिखेगा. बैंगलोर में सूर्यग्रण का परिमाण 85 फीसदी होगा तो दिल्ली में 53 फीसदी. लेकिन दक्षिण भारत में दिखेगा आग से दहकते सोने सा ऐसा कंगन जिसे आपने शायद ही पहले देखा होगा.

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