फिरोज शाह कोटला स्टेडियम में मैच कराने की परमिशन के लिए लगाई गई याचिका पर डीडीसीए (दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ) ने हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि कुछ पूर्व क्रिकेटर निजी स्वार्थ व लालच के चलते उन पर झूठे आरोप लगा रहें हैं. कीर्ति आजाद का नाम लिए बिना डीडीसीए ने कहा कि कुछ पूर्व खिलाड़ी उन पर जानबूझकर कीचड़ उछाल रहें हैं.
डीडीसीए ने लगाए आरोप
डीडीसीए के वकील ने कहा कि इन सब खिलाड़ियों ने उनसे सिर्फ फायदा उठाया लेकिन अब और ज्यादा फायदे और लालच के लिए ऐसा कर रहें हैं. कुछ खिलाड़ी चाहते हैं कि उनके बच्चों या उनकी अकादमी के उम्मीदवारों का दिल्ली टीम में चयन किया जाए. ये लोग प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को पीछे करके ऐसा करना चाहते हैं.
कई याचिकाओं पर चल रही सुनवाई
अदालत अलग-अलग मानहानि मामले में सुनवाई कर रही है. एक याचिका केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप नेताओं के खिलाफ दायर की है. इसके अलावा पूर्व क्रिकेट चेतन चौहान ने भाजपा के निष्कासित सांसद व पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद के खिलाफ दायर की है. केजरीवाल और आजाद पर डीडीसीए में कथित अनियमितताओं को लेकर गलत बयानबाजी करने का आरोप है. कोर्ट फिलहाल डीडीसीए की साल 2010 में दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में मैचों के आयोजन के लिए साउथ एमसीडी से प्रमाणपत्र दिलवाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था.
जस्टिस मुद्गल की रिपोर्ट
गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने 2015 में मैचों पर निगरानी के लिए जस्टिम मुद्गल को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया था. जस्टिम मुद्गल ने 11 जुलाई को दी अपनी रिपोर्ट में डीडीसीए में कई कमियों और अनियमितताओं का हवाला देते हुए उसके कामकाज में पारदर्शिता लाने को कहा था.