माकपा के निष्कासित नेता सोमनाथ चटर्जी ने राज्यसभा की सदस्यता का प्रस्ताव ठुकरा दिया. चटर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से उन्हें पांच दिन पहले मनोनीत सदस्य बनने का प्रस्ताव दिया गया था.
संस्मरण लिखने में व्यस्त हैं चटर्जी
उन्होंने कहा ‘‘लेकिन मुझे लगता है कि मैं कोई उपयोगी योगदान नहीं दे पाउंगा और इसलिए मुझे माफ कर दिया जाना चाहिए.’’ चटर्जी ने कहा कि इन दिनों वह अपने संस्मरणों को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं.