नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. दोनों ने इस मामले में स्पेशल लीव पिटीशन देकर निजी तौर पेशी से छूट मांगी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में उनकी अर्जी को ठुकरा दिया था.
20 फरवरी की सुनवाई के लिए मांगी छूट
सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने 20 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई से पहले पेशी से छूट की मांग की है. अगली सुनवाई के समय उन्हें अदालत में मौजूद होना होगा. इस बहुचर्चित मामले में दिल्ली की एक अदालत ने 19 दिसंबर को सोनिया, राहुल गांधी को बिना शर्त जमानत दे दी थी. नेशनल हेराल्ड केस में सुमन दुबे और सैम पित्रोदा ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.अर्जी में उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. हाई कोर्ट ने इस मामले में उन पर प्रथम दृष्टतया आरोप बनने से जुड़ी टिप्पणी की थी और निचली अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था.
अर्जी में हैं ये बातें
यह है पूरा मामला
26 जून 2014 को इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा एआईसीसी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोहरा, जनरल सेक्रेटरी ऑस्कर फर्नाडीस, सुमन दूबे और सैम पित्रोदा को भी समन जारी किया था. आरोप है कि यंग इंडियन लिमिटेड नाम से एक कंपनी बनाई गई थी. जिसने नेशनल हेराल्ड की पब्लिशर, एसोसिएटिड जरनल लिमिटेड को टेकओवर कर लिया. बीजेपी नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने अपनी अर्जी में आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी और दूसरों ने मिलकर यह साजिश रची. इसके बाद एसोसिएटिड जरनल लिमिटेड को पचास लाख रुपये देकर यंग इंडियन लिमटेड ने 90.25 करोड़ रुपए वसूलने का अधिकार ले लिया. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा था कि सोनिया और राहुल गांधी ने नेशनल हेराल्ड की पांच हजार करोड़ रुपये की संपत्ति पर कब्जा कर लिया है.
आरोपियों पर लगी हैं ये धाराएं
पटियाला हाउस कोर्ट से जारी समन में आईपीसी की धाराएं 420 - धोखाधड़ी (अधिकतम सजा सात साल), 403 - बेईमानी से संपत्ति हथियाना (अधिकतम सजा दो साल),
406 - अमानत में खयानत (अधिकतम सजा तीन साल) और 120 - आपराधिक साजिश (सजा अपराध के अनुसार) शामिल की गई हैं.