राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की. इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि हमारी यह बैठक न सिर्फ देश के बहुलतावादी लोकतंत्र की रक्षा के लिए है, बल्कि हमारी साझा सोच को भी दर्शाती है.
इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमारा भविष्य जीवन से बुनियादी मूल्यों पर है और हमें इसकी रक्षा करना चाहिए. उन्होंने कहा मौजूदा राष्ट्रपति चुनाव में भले ही आंकड़े हमारे पक्ष में ना हो लेकिन ये लड़ाई पूरी ताकत से लड़ी जानी चाहिए.
वैचारिक संघर्ष है चुनाव
सोनिया गांधी ने विपक्षी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि ये एक वैचारिक संघर्ष है. उन्होंने कहा ये परस्पर विरोध मूल्यों का टकराव है. सोनिया ने कहा ये संघर्ष है और हम इसमें कदम पीछे नहीं हटाएंगे.
'खतरे में संविधान और कानून'
सोनिया गांधी ने देश के मौजूदा हालात को लेकर भी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि ये बेहद दुखद है कि आज देश का संविधान और कानून खतरे में है. सोनिया गांधी ने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा कि सनस्क्रीन और फूट डालने वाली विचारधारा पर देश नहीं छोड़ा जा सकता. सोनिया ने कहा कि ऐसे लोग सांप्रदायिक सोच थोपना चाहते हैं.
बता दें कि एनडीए ने रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार बनाया है. जबकि कांग्रेस समेत दूसरे गैर-बीजेपी दलों ने लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार को अपने साझा उम्मीदवार के रूप में चुनाव में उतारा है. हालांकि, संख्या बल में विपक्षी खेमा पीछे है, बावजूद इसके विपक्ष एकजुट होकर बीजेपी से संघर्ष कर रहा है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए 17 जुलाई को वोटिंग होनी है.