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सोनिया गांधी ने कार्यकर्ताओं से कहा, शुरू करें 2014 के लोकसभा चुनाव की तैयारियां

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने माना कि हाल के विधानसभा चुनावों में पार्टी की पराजय के लिए अनुशासन और एकता का अभाव भी एक कारण रहा. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से इन नतीजों से निराश न होने और 2014 में होने वाले आम चुनाव के लिए तैयार रहने को भी कहा.

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने माना कि हाल के विधानसभा चुनावों में पार्टी की पराजय के लिए अनुशासन और एकता का अभाव भी एक कारण रहा. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से इन नतीजों से निराश न होने और 2014 में होने वाले आम चुनाव के लिए तैयार रहने को भी कहा.

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सोनिया गांधी ने यहां कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की बैठक में कहा कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की पराजय के लिए अनेक कारण हैं. यह जाहिर है कि हम जनता को अपनी नीतियों कार्यक्रमों और उपलब्धियों के बारे में बताने में सफल नहीं हो पाये. ऐसा लगता है कि हम उनकी आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर पाये. पार्टी प्रमुख ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली और राजस्थान में पार्टी की पराजय के लिए अनुशासन और एकता के भाव की कमी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, 'हमें मायूस नहीं होना चाहिए, हमारे सामने एक और संग्राम है, मई 2014 में, जिसके लिए हमें अपने आप को तैयार करना होगा. कांग्रेस पार्टी ने अनेक चुनाव जीते हैं और हारे हैं. जीत हो या हार, हमें यह याद रखना चाहिए कि जनता की सेवा करना हमारा सर्वोपरि दायित्व है.'

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अपने भाषण में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि हाल के विधानसभा चुनाव के नतीजे बेहद निराशाजनक हैं लेकिन हमें वर्ष 2014 में होने जा रहे आम चुनाव को लेकर हताश नहीं होना चाहिए. सिंह ने कहा कि कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणाम निश्चित रूप से इस बात के संकेत नहीं हैं कि कुछ महीनों के बाद हो होने जा रहे आम चुनावों में क्या होगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले साल होने वाले आम चुनाव राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर लड़े जाएंगे. इनमें से कुछ मुद्दे विधानसभा चुनावों में भी रहे होंगे, लेकिन मई में होने वाले चुनावों में इस बात को लेकर हमारा आकलन होगा कि राष्ट्रीय मुद्दों पर हमारी कैसी प्रतिक्रिया रही है. कांग्रेस अध्यक्ष ने नाम लिये बगैर विपक्ष खासतौर पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए पार्टी जनों से उनकी विचारधारा के खिलाफ डटकर आवाज उठाने को कहा. सोनिया गांधी ने कहा, 'हमारे विरोधी विभाजन की नीतियों और साम्प्रदायिक हितों की वकालत करते हैं. वे हमारे धर्मनिरपेक्ष लोकाचार का मजाक उड़ाते हैं. उनकी विचारधारा संकीर्ण है और हमारे देश तथा हमारे लोगों को विकास की ओर बढ़ने से लगातार रोकेगी. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा हमें उन लोगों के खिलाफ बोलते समय डरना नहीं चाहिए जो केवल संकीर्ण एवं विनाशकारी विकल्प पेश करते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष ने प्रधानमंत्री सहित कांग्रेस और सरकार पर निंदात्मक और पूरी तरह से निराधार व्यक्तिगत हमले करने के लिए अपना ज्यादातर समय और ऊर्जा का इस्तेमाल किया. इस मौके पर पार्टी ने अपने सांसदों को एक पुस्तिका भी वितरित की जिनमें यूपीए सरकार की उपलब्धियां गिनाई गयी हैं तथा सांसदों से इन उपलब्धियों का और ज्यादा कारगर तरीके से मतदाताओं के बीच प्रचार करने को कहा गया है.

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यह देखते हुए कि सीपीपी की बैठक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में हो रही है सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस हर हालात से हमेशा उबर जाती है और कोई भी विषमता उसे रोक नहीं पाती. उन्होंने कहा, प्रतिकूल परिस्थितियां हमेशा हमारी परीक्षा लेती हैं और ऐसे समय पर हमारे लिये लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, उदारवाद और समावेशी सिद्धातों के लिए हमारी अक्षुण्ण प्रतिबद्धता को बनाये रखना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है. यह हमारी पार्टी के स्थायी मूल्य हैं. उन्होंने दावा किया कि कई मायनों में कांग्रेस बिल्कुल एक अलग राजनीतिक दल है. उन्होंने कहा कि हमें चुनौतियों से न सिर्फ आगे बढ़ना होगा बल्कि इस तथ्य को भी ध्यान में रखना होगा कि हमारी जैसी पार्टी के लिए कोई भी विषमता बाधक नहीं है. हमारी पार्टी की एक समृद्ध विरासत है, हमारा इतिहास है और उपलब्धियों का हमारा लंबा रिकार्ड है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी और सरकार इस बात पर गर्व कर सकती है कि बार बार के व्यवधान के बावजूद वे लोकपाल, खाद्य सुरक्षा और भूमि अधिग्रहण जैसे महत्वपूर्ण विधेयक संसद में पारित कराने में सफल हुए हैं.

संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण संबंधी विधेयक की चर्चा करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, 'मैं अप्रसन्न हूं कि हम आम सहमति के अभाव में महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा से पारित नहीं करा सके. लेकिन मैं जानती हूं कि आज नहीं तो कल यह जरूर होगा. हमें इस बात का संतोष हो सकता है कि राज्यसभा से हमें मंजूरी मिल गयी है. उन्होंने कहा कि मिजोरम को छोड़कर बाकी चार राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणाम कांग्रेस के लिए प्रसन्नता लेकर नहीं आये और कांग्रेस शासन के दौरान सर्वांगीण विकास के बावजूद दिल्ली और राजस्थान में पार्टी चुनाव हार गयी. उन्होंने कहा कि पार्टी छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने के काफी नजदीक पहुंच गयी थी और अगर हमने व्यापक एकता दिखाई होती तो हम सफल हो सकते थे. इसी तरह दिल्ली और राजस्थान में हमारी सरकारों के प्रति लोगों के कुछ वर्गों के असंतोष सहित अनेक दूसरे कारकों के अलावा हममे एकता और अनुशासन के भाव की कमी थी.

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प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े नौ वर्षों के यूपीए सरकार के रिकार्ड को जनता के बीच और ज्यादा कारगर तरीके से पेश किये जाने की जरूरत है. उन्होंने पार्टी सांसदों से कहा कि जनता को यह बताने की जरूरत है कि स्लोडाउन के पीछे वैश्विक मंदी कारण रही है. प्रधानमंत्री ने मंहगाई को लेकर चिंता को उचित ठहराया लेकिन साथ ही कहा कि अधिकतर लोगों की आय मूल्यवृद्धि से ज्यादा तेजी से बढ़ी है.

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