साल 2004 में सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री पद ठुकराने का लेकर पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने सनसनीखेज दावा किया है. पूर्व कांग्रेस नेता का कहना है कि सोनिया गांधी ने पीएम पद अपनी अंतरात्मा की आवाज पर नहीं बल्कि राहुल गांधी के डर कारण ठुकराया था. राहुल को डर था कि अगर सोनिया प्रधानमंत्री बनती हैं तो पिता राजीव गांधी की तरह सोनिया की भी हत्या कर दी जाएगी.
टीवी चैनल 'हेडलाइंस टुडे' पर करन थापर को दिए इंटरव्यू में नटवर सिंह ने कहा कि तब राहुल गांधी ने स्पष्ट कहा था कि वह अपनी मां को प्रधानमंत्री नहीं बनने देना चाहते और उन्हें रोकने के लिए वह हरसंभव कोशिश करेंगे. यही नहीं, राहुल ने मां सोनिया गांधी को 'ना' कहने के लिए 24 घंटे का डेडलाइन भी दिया था.
मनमोहन सिंह और प्रियंका थे मौजूद
पूर्व विदेश मंत्री का कहना है कि जिस बैठक में पीएम पद को लेकर यह सब मंत्रणा चल रही थी उसमें मनमाहेन सिंह के अलावा प्रियंका गांधी और सुमन दुबे भी मौजूद थे.
गौरतलब है कि नटवर सिंह ने हाल ही कांग्रेस में अपने जीवनकाल को लेकर एक किताब लिखी है. सिंह ने कहा कि 7 मई को सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने उन्हें घर बुलाया था और इच्छा जाहिर की थी कि सोनिया गांधी के पीएम नहीं बनने की असली कहानी को किताब का हिस्सा नहीं बनाया जाए. नटवर सिंह की किताब 1 अगस्त को रिलीज होने वाली है.
सोनिया गांधी से मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए नटवर सिंह ने कहा, 'उन्होंने मुझे गले लगाया और मुझसे दुर्वव्यवहार के लिए क्षमा मांगी.' यही नहीं, सोनिया ने उनसे कहा कि वह उनके निकटतम रहे हैं और उन्होंने सिंह से वह बातें भी साझा की हैं, जो राहुल और प्रियंका से भी नहीं कही.
राव नहीं शंकर दयाल शर्मा थे पहली पसंद
इंटरव्यू के दौरान सिंह ने बताया कि 1991 में सत्ता में आने के बाद सोनिया गांधी शंकर दयाल शर्मा को प्रधानमंत्री बनान चाहती थीं, लेकिन उनके खराब स्वास्थ्य के कारण पीवी नरसिम्हा राव को प्रधानमंत्री बनाया गया. हालांकि अंतिम फैसला शंकर दयाल शर्मा के मना करने के बाद लिया गया. दोनों ही मामलों में सोनिया गांधी ने पीएन हक्सर से सलाह ली थी.
सोनिया गांधी तक पहुंचती थी सरकारी फाइलें
नटवर सिंह ने कहा कि जब यूपीए सत्ता में थी तब सरकारी फाइलें सोनिया गांधी तक पहुंचती थीं. यह फाइलें उन तक पुलक चटर्जी पहुंचाते थे. सिंह की यह बातें उन बातों को सत्यापित करती हैं जो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू ने अपनी किताब 'द एक्सीडेंटल प्राइममिनिस्टर' में लिखी हैं.
मनमोहन के खिलाफ थे लालू और पासवान
पूर्व विदेश मंत्री ने दावा किया कि यूपीए के घटक दल आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान नहीं चाहते थे कि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने. यही नहीं, मनमोहन सिंह का नाम सामने आने पर लालू प्रसाद यादव गुस्सा भी हो गए थे.
बिना सुरक्षा राव की गुप्त बैठक
नटवर सिंह ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की उस गुप्त बैठक की भी चर्चा की, जो मोहम्मद युनूस के घर हुई थी. सिंह ने कहा कि राव उस बैठक के लिए बगैर सुरक्षा के आए थे और वह इस युनूस के जरिए सोनिया गांधी से रिश्ते बेहतर बनाना चाहते थे.