जब राहुल गांधी 24 अकबर रोड कांग्रेस मुख्यालय में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने पहुंचे, तो मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी वहां मौजूद नहीं थी. पार्टी के तमाम बड़े नेता तो मौजूद थे, लेकिन परिवार का कोई सदस्य वहां दिखाई नहीं दिया. जब भी राहुल गांधी ने अमेठी से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन भरा, तब मां सोनिया गांधी या प्रियंका गांधी में से कोई ना कोई मौजूद रहा, लेकिन आज दोनों में से एक भी मौजूद नहीं थीं. केवल पार्टी नेताओं की उपस्थिति में राहुल गांधी ने नामांकन भरा.
नामांकन से पहले मां सोनिया से मिले राहुल
हालांकि नामांकन भरने से पहले राहुल गांधी सोनिया गांधी से मिलने दस जनपथ गए. सोनिया गांधी राहुल गांधी के नामांकन में पहली प्रस्तावक भी हैं. मगर मां का अपने बेटे के अध्यक्ष पद के नामांकन के वक्त मौजूद ना रहना, थोड़ा चर्चा का विषय जरूर बना है. हालांकि कांग्रेस के नेता इस बात को ज्यादा तूल देने के मूड में नहीं हैं.
नामांकन पत्र में प्रस्तावक हैं सोनिया
कांग्रेस का कहना है कि इस बात को देखने के लिए मीडिया का अपना नजरिया है. कोई जरूरी नहीं कि वह इस मौके पर मौजूद रहे. जब उन्होंने राहुल गांधी के नामांकन पत्र में प्रस्तावक के तौर पर सबसे पहले साइन किया है, तो ये ही काफी है.
कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप
राजनीतिक गलियारों में ये भी चर्चा है, हो सकता है कि सोनिया गांधी इसलिए मौजूद नहीं हुई हों ताकि यह संदेश ना जाए कि एक मां अपने बेटे को अपनी कुर्सी दे रही है क्योंकि गांधी परिवार पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है. खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह हमेशा से सवाल उठाते रहे हैं कि बीजेपी में कोई भी पार्टी अध्यक्ष बन सकता है, लेकिन कांग्रेस में तो पहले से ही तय है कि पार्टी का अध्यक्ष कौन बनेगा और कुर्सी परिवार के भीतर ही रहनी है.
काफी नहीं है कांग्रेस का तर्क
कांग्रेस के तमाम नेता इस बात को नकार रहे हैं कि परिवारवाद की राजनीति से सोनिया के उपस्थित रहने या ना रहने का कोई लेना-देना है क्योंकि सोनिया गांधी खुद प्रस्तावक हैं. राहुल गांधी के नामांकन पत्र पर इसलिए इसमें किसी राजनीति को नहीं देखा जाना चाहिए. कांग्रेस भले ही कुछ भी तर्क दे, लेकिन ये सवाल उठना लाजिमी है कि मां सोनिया गांधी इस मौके पर क्यों मौजूद नहीं थी.