सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बन गई हैं. उन्होंने इससे पहले 1998 में पार्टी की तब कमान संभाली थी, जब पार्टी संकट में थी. उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने शानदार वापसी की. 2004 से 2014 तक कांग्रेस की अगुआई में यूपीए की सरकार भी रही.
सत्ता तक पहुंचाया
सोनिया गांधी के नाम सबसे ज्यादा समय तक कांग्रेस अध्यक्ष रहने का रिकॉर्ड दर्ज है. सोनिया गांधी 14 मार्च, 1998 से 16 दिसंबर, 2017 तक कांग्रेस अध्यक्ष रह चुकी हैं. उनके अध्यक्ष रहते 2004 से 2014 तक पार्टी केंद्र में सत्तासीन रही. 2017 तक वह इस पद पर बनी रहीं. उनके बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाली, लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.
युवा और अनुभवी नेताओं के बीच सामंजस्य
बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाने का कदम युवा और अनुभवी नेताओं के बीच सामंजस्य बनाते हुए पार्टी को आगे ले जाने की रणनीति के तहत उठाया गया है.
माना जा रहा है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में काम करने वाले युवा नेताओं को सोनिया गांधी की कमांड में काम करने में कोई दिक्कत नहीं होगी और अनुभवी नेताओं का तो सोनिया गांधी के नेतृत्व में काम करने का लंबा अनुभव है.
रायशुमारी से हुआ चुनाव
कांग्रेस के नए अध्यक्ष पर फैसले को लेकर शनिवार को सीडब्ल्यूसी की दो बैठकें हुईं. सुबह की बैठक के बाद सीडब्ल्यूसी के नेताओं ने पांच अलग-अलग समूहों- पूर्वोत्तर क्षेत्र, पूर्वी क्षेत्र, उत्तर क्षेत्र, पश्चिमी क्षेत्र और दक्षिण क्षेत्र- में बांटकर प्रदेश अध्यक्षों, राष्ट्रीय सचिवों और कई अन्य पदाधिकारियों के साथ परामर्श बैठकें कीं और उनकी राय ली.
इन बैठकों में यह आम राय बनी कि राहुल गांधी को पार्टी का नेतृत्व करते रहना चाहिए, हालांकि राहुल गांधी अपने इस्तीफा के फैसले पर अड़े रहे. रात के समय जब सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई्र तब पार्टी के नेताओं की भावनाओं का उल्लेख करते हुए राहुल गांधी से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया, लेकिन उन्होंने फिर से मना कर दिया. इसके बाद सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला हुआ.