कांग्रेस की शीर्ष नेता और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा समय में सरकार में बैठे लोगों द्वारा पण्डित जवाहर लाल नेहरू की लोकतांत्रिक मूल्यों के सम्मान वाली विरासत को कमतर करने की कोशिश की जा रही है.
आधुनिक भारत के निर्माण में देश के प्रथम प्रधानमंत्री के योगदान को याद करते हुए सोनिया ने यह भी कहा कि नेहरू ने जिन लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ाया, आज उनको चुनौती दी जा रही है.
वह कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पुस्तक "नेहरू: द इन्वेंशन ऑफ इंडिया' पुनर्विमोचन के अवसर पर बोल रही थीं. सोनिया ने कहा कि नेहरू ने देश की सभी लोकतांत्रिक संस्थाओ के प्रति सम्मान और उनको मजबूत बनाने की संस्कृति पैदा की जिससे लोकतंत्र मजबूत हुआ.
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने नेहरू के आर्थिक मॉडल और गुटनिरपेक्षता केंद्रित विदेश नीति को भी याद किया और कहा कि उन्होंने जिन लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ाया था आज उससे जुड़ी विरासत को कमतर करने की कोशिश हो रही है.
धर्म निरपेक्षता पर बोलते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि देश के विभाजन के बाद नेहरू ने कभी नहीं सोचा था कि भारत सिर्फ हिन्दुओं को देश हो. उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमानों के पाकिस्तान जाने के बाद नेहरू ने हिन्दु राष्ट्र बनाने के बारे में कभी नहीं सोचा. सोनिया ने कहा कि नेहरू सभी धर्मों को लोगों का देश वाली बात में विश्वास रखते थे इसी वजह से उन्होंने अपनी नीतियों और योजनाओं में सभी समुदायों को संरक्षण देने पर काम किया.
थरूर ने कहा कि नेहरू ने हमेशा इस विचार को आगे रखा कि देश किसी व्यक्ति से महत्वपूर्ण है और संस्थाओं का सम्मान होना चाहिए. नेहरू की आलोचना करने वालों को आड़े हाथ लेते हुए थरूर ने कहा कि नेहरू ने देश को आईआईटी, आईआईएम, इसरो, डीआरडीओ और कई अहम संस्थान दिए और देश के विकास की मजबूत बुनियाद डाली. लोगों को आजादी के समय के भारत की स्थिति के बारे में जानना चाहिए, उसके बाद उन्हें पता चलेगा कि नेहरू ने भारत को किस तरह से विकास के पथ पर आगे बढ़ाया.