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बीजेपी को हटाने के लिए सभी पार्टियां होंगी लामबंदः माजिद मेनन

माजिद मेनन ने कहा कि बीजेपी को हटाने को लेकर अब सारी पार्टियां एक हैं. शरद पवार जी ने राहुल गांधी से मुलाक़ात की है, लेकिन अभी ये तय नहीं हुआ है कि नेता कौन होगा. पहले चुनाव जीता जाएगा उसके बाद नेता के बारे में तय किया जाएगा.

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सोनिया गांधी और शरद पवार
सोनिया गांधी और शरद पवार

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दो-तीन महीनों से जो इस समय बीजेपी के खिलाफ माहौल देशभर में बन रहा है उस से साफ जाहिर हो रहा है कि आगे कुछ बदलने वाला है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता माजिद मेनन ने गुरुवार को कहा कि यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने जो 20 पार्टियों के नेताओं को बुलाया था, उससे भी एनडीए के खिलाफ काफी माहौल बना है.

माजिद ने कहा कि सपा-बसपा के गठबंधन से यह साफ हो गया है कि देश की जनता अब बेकरार है और वह भाजपा हटाने की पूरी तैयारी कर चुकी है. सभी पक्षों ने यह समझ लिया है कि इस वक्त आपस में हमारा कोई झगड़ा नहीं है. एनसीपी ने कहा कि BSP और SP अगर आपस में हाथ मिला सकते हैं  सीपीआई-एम और टीएमसी आपस में हाथ मिला सकते हैं तो और दूसरी पार्टियों को उसमें एक साथ आने में किसी को कोई दिक्कत नहीं है.

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एनसीपी नेता ने कहा कि बीजेपी को हटाने को लेकर अब सारी पार्टियां एक हैं. शरद पवार जी ने राहुल गांधी से मुलाक़ात की है, लेकिन अभी ये तय नहीं हुआ है कि नेता कौन होगा. पहले चुनाव जीता जाएगा उसके बाद नेता के बारे में तय किया जाएगा. माजिद मेनन ने कहा कि सोनिया और पवार साहब मिल कर ग्रांड एलायंस खड़ा करेंगे.

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को देर शाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी. यही नहीं राहुल गांधी 28 मार्च को दिल्ली में ममता बनर्जी से मिलेंगे. टीएमसी नेता ममता बनर्जी 28 मार्च को दिल्ली आ रही हैं.

मुलाकात के लिए राहुल गांधी पवार के आवास पर पहुंचे थे. दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे तक मुलाकात चली. इससे पहले यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने मंगलवार को 20 विपक्षी पार्टी के नेताओं को डिनर पर बुलाया और बैठक की.

दरअसल, लोकसभा की तीन सीटों के उपचुनाव के नतीजे इस बात को रेखांकित करते हैं कि विपक्षी दलों की एकजुटता बीजेपी के मजबूत किले को भी भेद सकती है. वहीं बीजेपी के रणनीतिकार 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के लिए उत्तर प्रदेश और बिहार पर विशेष ध्यान दे रहे हैं और अब इन नतीजों से उनको अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने की जरूरत पड़ सकती है.

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