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सर्वदलीय बैठक के एक दिन पहले रविवार को सरकार और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध तेज

संसद के मानसून सत्र में बीते दो सप्ताह से जारी गतिरोध दूर करने के प्रयास में केंद्र सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. सर्वदलीय बैठक के एक दिन पहले रविवार को सरकार और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध तेज हो गया

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (फाइल)
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (फाइल)

संसद के मानसून सत्र में बीते दो सप्ताह से जारी गतिरोध दूर करने के प्रयास में केंद्र सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. संसद में बने गतिरोध को दूर करने के लिए बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक के एक दिन पहले रविवार को सरकार और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध तेज हो गया और सरकार ने जहां मुख्य विपक्षी दल पर ‘‘नकारात्मकता’’ एवं ‘विघ्नकारी रवैये’ का आरोप लगाया वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए गतिरोध दूर करने को लेकर सत्ता पक्ष की गंभीरता पर सवाल किया.

चर्चा ही एकमात्र उपाय- सरकार
मानसून सत्र के लगभग आधा हिस्सा के बिना खास कामकाज के ही गुजर जाने के बीच सरकार ने कहा कि कांग्रेस के लिए ‘‘सम्मानजक रास्ता’’ यह होगा कि ललित मोदी की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा की गई कथित ‘‘मदद’’ के मुद्दे पर वह सदन में चर्चा कराने के लिए तैयार हो जाए. केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए साफ किया कि मध्य प्रदेश के व्यापम घाटाले पर चर्चा नहीं हो सकती क्योंकि यह एक राज्य से जुड़ा विषय है. इस मामले को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विपक्ष के निशाने पर हैं.

ऊधर, कांग्रेस पर हमला बोलते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि कांग्रेस ‘राजनीतिक कारणों’ से सरकार से परेशान हो सकती है, लेकिन उसे गहराई से यह आत्मविश्लेषण करना चाहिए कि ‘‘नकारात्मक सोच एवं उसके विघ्नकारी रवैये’’ से देश और अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा.

इस बीच, संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने उम्मीद जताई है कि संसद जल्द ही सुचारु रूप से चलेगी. नायडू ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सोमवार को सर्वदलीय बैठक में गतिरोध तोड़ने पर कोई सकारात्मक फैसला हो जाएगा. उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस से अपील कर रहे हैं कि राष्ट्रहित को नुकसान न पहुंचाएं. आरोप-प्रत्यारोप के बजाए संसद आएं और वहीं चर्चा करें.

नायडू ने कहा कि किसी भी मंत्री ने कुछ भी अवैधानिक या अनैतिक काम नहीं किया है. हम किसी भी मुद्दे पर किसी भी हद तक चर्चा के लिए तैयार हैं. अगर विपक्ष की बात सही है तो सरकार एक कदम आगे बढ़कर उसे स्वीकार करने के लिए तैयार है.

सोमवार को सर्वदलीय इस बैठक से पहले कांग्रेस संसदीय दल की भी मीटिंग होने जा रही है, जिसमें पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी मोदी सरकार को घेरने की रणनीति तैयार करेंगी.

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कांग्रेस की मांग ठुकराती रही है सरकार
कांग्रेस संसदीय दल की सामान्य इकाई की बैठक सर्वदलीय बैठक से पहले ऐसे समय पर हो रही है, जब सरकार और बीजेपी सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग स्वीकार करने के कोई संकेत नहीं दे रही हैं. कांग्रेस और वाम सहित विपक्षी दल जहां ‘इस्तीफा नहीं, तब तक कोई चर्चा नहीं’ पर अड़े हुए हैं, वहीं बीजेपी नेता और मंत्री लगातार यह कह रहे हैं कि कोई इस्तीफा नहीं होगा और सरकार विपक्ष को ‘उपकृत’ करने नहीं जा रही है.

इस्तीफा नहीं तो काम नहीं

इस बीच, जेडीयू ने फिर कहा है कि मंत्रियों के इस्तीफे के बिना काम नहीं होने देंगे. जेडीयू के नेता और सांसद के. सी. त्यागी ने कहा कि संसद में अगर सरकार को कामकाज सुचारू बनाना है तो आरोपों में घिरे मंत्रियों के इस्तीफे दिलवाने होंगे.

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...पर चर्चा के लिए तैयार है सरकार
मोदी सरकार ने संसद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के जवाब की पेशकश की थी और वह ललित मोदी विवाद पर चर्चा के लिए तैयार भी है. लेकिन व्यापम घोटाले को उसने राज्य का मुद्दा बता दिया है. विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा है और सरकार उस पर चर्चा से भागने का आरोप लगा रही है.

इनपुट: भाषा

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