बड़ी झिझक के साथ 1998 में सियासत में आने वाली सोनिया गांधी 12 साल बाद एक कीर्तिमान रचने जा रही हैं. कांग्रेस अध्यक्ष पद पर 12 साल यानी सबसे लंबे समय तक रहने वाली सोनिया के नाम एक और रिकार्ड बनने जा रहा है.
पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन की औपचारिकता पूरी होने के बाद अब सिर्फ उनके निर्वाचन का औपचारिक एलान बाकी रह गया है. अध्यक्ष पद के लिए पर्चा दाखिल करने की तारीख गुरुवार को खत्म हो गई. मैदान में सिवाय सोनिया के कोई उम्मीदवार नहीं है. ऐसे में लगातार रिकार्ड चौथी बार कांग्रेस में सोनिया की ताजपोशी का रास्ता साफ हो चुका है.
दस जनपथ पहुंचकर सबसे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोनिया की उम्मीदवारी का प्रस्ताव रखा था. इसके बाद तो एक के बाद एक 56 प्रस्तावक सामने आ गए. इनमें कैबिनेट मंत्री थे, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री थे. उनके प्रस्तावकों में राहुल गांधी भी शामिल थे, जो अमेठी दौरे से वक्त निकालकर नामांकन में शरीक होने पहुंचे थे.{mospagebreak}ये तीसरा मौका है जब सोनिया को कांग्रेस के शीर्ष पद के लिए कोई चुनौती नहीं मिली है. अप्रैल 1998 में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण के महज 62 दिन बाद सीताराम केसरी की जगह सोनिया ने कांग्रेस अध्यक्ष पद संभाला था. 2000 में उन्हें जितेंद्र प्रसाद ने चुनौती दी थी, लेकिन उन्हें करारी हार मिली. इसके बाद 2005 में वे निर्विरोध चुनी गईं.
बतौर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया बारह साल पूरी कर चुकी हैं. बगैर प्रधानमंत्री बने इतने लंबे अर्से तक कोई कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रहा है.