संसद के मानसून सत्र में मंगलवार को भी सदन में जोरदार हंगामा हुआ है. दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. इस दौरान राज्यसभा में 'वी वांट जस्टिस' के नारे भी लगाए गए. हंगामे को देखते हुए राज्यसभा की कार्यवाही को दो बार स्थगित किया जा चुका है. कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित है.
दूसरी ओर, सदन के बाहर कांग्रेस के 25 सांसदों के निलंबन के खिलाफ सोनिया गांधी और राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस सांसद धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. कांग्रेस ने लोकसभा के बायकॉट का भी ऐलान किया है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद भी धरना प्रदर्शन में शामिल हुए हैं.
विपक्ष के आक्रामक तेवर से निपटने के लिए सरकार भी रणनीति बनाने में जुट गई है. मंगलवार को सुबह 09:00 बजे बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई, जिसमें फैसला किया गया कि सरकार सदन में कांग्रेस के आचरण के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी. 10:30 बजे कैबिनेट की बैठक भी बुलाई गई है.
गौरतलब है कि सोमवार को लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने प्लेकार्ड लेकर सदन में आने और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने पर कांग्रेस के 25 सांसदों को 5 दिन के लिए निलंबित किया था. स्पीकर के मना करने के बावजूद कांग्रेस सांसद सदन के भीतर तख्ती लहरा रहे थे.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के 25 सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र का काला दिन बताया है. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात मॉडल का लोकतंत्र लागू करना चाह रहे हैं. कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी 25 सांसदों के निलंबन की जमकर आलोचना की.
स्पीकर ने ठहराया सही
दूसरी ओर, कांग्रेसी सांसदों के निलंबन को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सही ठहराया है. उनका कहना है कि उन्होंने जो कुछ किया वो संसद के भले के लिए ही किया है.
संसद में लगातार जारी गतिरोध पर बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने सुझाव दिया है कि 'काम नहीं तो वेतन नहीं' की नीति पर अमल फरमाया जाना चाहिए. इस सुझाव पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा, 'अगर इसे लागू करना है तो साल 2004 से लागू किया जाए.'