दिल्ली पुलिस ने नोएडा के जिगिशा घोष मर्डर केस और सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस को सुलझाने का दावा किया है. मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. जिन 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनके नाम रवि, बॉबी, अमित और अजय हैं. पुलिस के अनुसार रवि ने ही सौम्या को गोली मारी थी.
पुलिस के मुताबिक हत्या का मकसद निजी रंजिश नहीं, बल्कि लूटपाट था. पुलिस का दावा है कि वारदात के दौरान इस्तेमाल की गई सैंट्रो कार के अलावा दो पिस्तौल, दो चाकू और कुछ चैनलों के स्टीकर भी बरामद किए गए हैं. जिगिशा नोएडा के बीपीओ में ऑपरेशंस मैनेजर थी. जिगिशा का अपहरण उनके घर के सामने से नहीं, बल्कि वसंत विहार की सीपीडल्यूडी कॉलोनी के गेट के बाहर किया गया था. बीपीओ की कैब ने उन्हें इस गेट के बाहर उतारा था. इंतजार कर रही गाड़ी में तीन अपराधी थे. जैसे ही जिगिशा गेट की ओर बढ़ीं, उन्हें गाड़ी में खींच लिया गया.
कैब ड्राइवर शाहिद ने आखिरकार पुलिस के सामने कबूल कर लिया कि उसने जिगिशा को उनके घर के सामने नहीं, बल्कि कॉलोनी के गेट के बाहर ड्रॉप किया था. अगवा करने के बाद जिगिशा को पहले महिपालपुर ले जाया गया. बुधवार सुबह 5:12 बजे उन्होंने जिगिशा से उनके एचडीएफसी बैंक के डेबिट कार्ड का पासवर्ड लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से रुपये निकाले जहां यहां सीसीटीवी में अपराधी की फोटो आ गई. इसके बाद साकेत में एटीएम से रुपये निकाले गए. वहां भी सीसीटीवी के जरिए अपराधियों की तस्वीर पुलिस को मिल गई. इसके बाद सूरजकुंड रोड पर जिगिशा का गला घोंटकर झाड़ियों में फेंक दिया गया. दो दिन बाद लाश बरामद हुई थी.
पुलिस ने पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या की गुत्थी सुलझा लेने का भी दावा किया है. पुलिस के मुताबिक जिगिशा की हत्या के मामले गिरफ्तार आरोपी ही सौम्या की हत्या के लिए भी जिम्मेदार हैं. पुलिस का कहना है कि सौम्या की हत्या के पीछे मकसद लूट पाट नहीं था. घटना तीस सितंबर की रात की है. सौम्या देर रात अपने घर वसंत कुंज जा रही थी. सौम्या ने हत्या से ठीक पहले सवा तीन बजे अपने पिता से फोन पर बात की थी और उनसे कहा था कि वे जल्द ही घर पहुंचने वाली हैं. पुलिस को ड्राइवर वाली सीट पर सौम्या अचेत अवस्था में मिली, उनके सिर में गोली लगी थी. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.