दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सायरिल रामफोसा 26 जनवरी के परेड के चीफ गेस्ट होंगे. अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी ने सायरिल रामफोसा से मुलाकात की. इस दौरान पीएम मोदी ने सायरिल रामफोसा को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने के लिए आमंत्रित किया. दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी के आमंत्रण को स्वीकार कर लिया.
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गणतंत्र दिवस पर निमंत्रण अस्वीकार करने के बाद भारत एक ऐसे देश की ओर देख रहा था जिसका रणनीतिक और प्रतीकात्मक महत्व हो. दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सायरिल रामफोसा के साथ बैठक के बाद पीएम ने ट्वीट किया कि दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा से मिलकर खुशी हुई. ऐसे समय जब भारत महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती मना रहा है, 2019 गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रपति रामफोसा का मुख्य अतिथि के रूप में स्वागत करना हमारे लिए सम्मान की बात है. दक्षिण अफ्रीका से बापू का करीबी संबंध जगजाहिर है.
उन्होंने कहा कि रामफोसा की भारत यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगी. मोदी ने ट्वीट किया राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा का आगामी दौरा, वह भी भारत के गणतंत्र दिवस के विशेष मौके पर, भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच व्यापारिक तथा लोगों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा.
Glad to have met President @CyrilRamaphosa. At a time when India is marking the 150th birth anniversary of Mahatma Gandhi, it is our honour to welcome President Ramaphosa as the Chief Guest for the 2019 Republic Day celebrations. Bapu's close link with South Africa is well known. pic.twitter.com/mGnN0mDj0L
— Narendra Modi (@narendramodi) December 1, 2018
सायरिल रामफोसा का गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि होना खास होगा, क्योंकि इसी साल राष्ट्रपति महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जाएगी. सायरिल रामफोसा को महात्मा गांधी और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला का समर्थक माना जाता है.
75 वर्षीय जैकब जुमा के इस्तीफे के बाद 65 वर्षीय नेता सायरिल रामफोसा को इसी साल अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) का नया अध्यक्ष चुना गया था. फरवरी में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति पद की शपथ ली.
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने गणतंत्र दिवस पर भारत का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया था. ट्रंप ने भारत ना आ पाने के लिए 26 जनवरी के आसपास अपनी व्यस्तता को वजह बताया था. माना जा रहा कि ट्रंप का स्टेट ऑफ यूनियन को संबोधन मुख्य वजह है, जो कि 22 जनवरी से फरवरी के पहले सप्ताह के बीच हो सकता है.