भारत का प्रमुख दक्षिण-पश्चिम मानसून तमाम अड़चनों के बावजूद तेजी से आगे बढ़ रहा है. मौसम एजेंसी स्काईमेंट के मुताबिक कमजोर मानसून की चेतावनी और अरब सागर में उपजे चक्रावती तूफान अशोबा के कहर के बावजूद मानसून की रफ्तार सामान्य बनी हुई है. मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून जल्द ही पूरे उत्तर भारत को अपने चपेट में ले लेगा.
गौरतलब है कि पिछले साल की तरह इस साल भी मानसून एक हफ्ते के विलम्ब से 5 जून को केरल के तटों पर पहुंचा था. इस देरी के बाद भी मानसून पर दूसरा कहर अरब सागर में पनपे चक्रवाती तूफान अशोबा से पड़ा जिसने देश के पश्चिमी तटीय इलाकों से नमी को सोख लिया और इन इलाकों में भी मानसून की रफ्तार धीमी रही.
हालांकि इस कमजोरी का असर ज्यादा समय तक मानसून पर हावी नहीं रहा और मौसम एजेंसियों के पास आ रहे ताजा आंकड़ों के मुताबिक 11 जून के आसपास पश्चिमी छोर पर मानसून की गती में तेजी देखने को मिली जिसके चलते वैज्ञानिकों का अनुमान है कि जल्द ही यह मानसून पूरे उत्तर भारत पर मजबूत पकड़ बना लेगा.
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मानसून ने फिलहाल दक्षिण गुजरात, कोंकण के अधिकांश हिस्से, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, विदर्भ के कुछ हिस्से, दक्षिण छत्तीसगढ़ और दक्षिण ओडीशा को अपनी चपेट में ले लिया है. इसके साथ ही मानसून ने रायलसीमा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों पर अपनी पकड़ बना ली है.
स्काईमेट के जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल मानसून में खुछ खास परिवर्तन देखने को भी मिल रहा है. आमतौर पर मानसून पूर्वी मध्यप्रदेश पर अपनी पकड़ बनाता है और उसके बाद पश्चिमी मध्यप्रदेश की ओर रुख करता है लेकिन मानसून 2015 ने पहले पश्चिमी मध्यप्रदेश पर अपनी पकड़ बनाई है.
मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटों में दक्षिण भारत में महाराष्ट्र के कई इलाकों में अच्छी बारिश देखने को मिली है. वहीं इसी दौरान छत्तीसगढ़, झारखंड़ और पश्चिम बंगाल में भी अच्छी बारिश रिकॉर्ड की गई है.