समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश सरकार पर किसानों के साथ दुश्मनी अदा करने का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ संघर्ष का एलान किया.
सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि प्रदेश में सरकार ने खाद की कृत्रिम कमी कर दी है और उसकी कालाबाजारी जोरों पर होने के कारण उर्वरक काश्तकारों की पहुंच से बाहर हो रहे हैं.
यादव ने शासन द्वारा गत 12 अगस्त को जारी किये गए शासनादेश का जिक्र करते हुए कहा कि उस प्रपत्र में दी गई खाद भंडार सुरक्षित रखने की हिदायत बिल्कुल अव्यावहारिक है.
उन्होंने कहा कि धान की रोपाई के 15 दिन बाद खेत में यूरिया डालने की जरूरत होती है, लेकिन कृषि उत्पादन आयुक्त ने उस शासनादेश में तुरंत ही खाद भंडार सुरक्षित रखने का आदेश दे दिया है. नतीजतन किसान उर्वरक के लिये परेशान हैं.
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता ने खाद के दाम जानबूझकर बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले साल तक डीएपी खाद का मूल्य जहां 502 रुपए था. वह अब 910 रुपए प्रति बोरी तक पहुंच गया है और किसी भी सहकारी समिति पर डीएपी खाद उपलब्ध भी नहीं है.