कांग्रेस को नये साथी जेडीयू के साथ के संकेत क्या मिले कि वो अपने पुराने साथियों को ही आंखें दिखाने लगी है. कांग्रेस ने पहली बार इटावा और मैनपुरी में मुलायम सिंह के खिलाफ ही ताल ठोकने का फैसला किया है तो महाराष्ट्र में एनसीपी से सांगली नगरपालिका चुनाव पर दुश्मनी मोल ले ली है. इस नये दांव से एसपी और एनसीपी दोनों तिलमिलाये हुए है.
कांग्रेस को जैसे ही उसे जेडीयू से मदद की उम्मीद मिली है वो अपने पुराने समर्थक समाजवादी पार्टी को ही चिढ़ाने लगी है. कांग्रेस ने सपा प्रमुख मुलायम के खिलाफ ही उममीदवार उतारने का फैसला कर लिया है. जाहिर है सपा और कांग्रेस में अब खुलकर तलवार खिंच गयी है.
उधर महाराष्ट्र में सांगली नगरपालिका में कांग्रेस ने एनसीपी को क्या हरा दिया कि एनसीपी भी कांग्रेस को गठबंधन की याद दिलाने लगी है.
जाहिर है मोदी के आने बाद एनडीए की फूट पर हंसने वाली कांग्रेस को अपने कुनबे पर भी नजर रखनी होगी क्योंकि चुनाव के बाद ये नाराज साथी कांग्रेस का खेल भी बिगाड़ सकते है.