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राज्यसभा में फिर उठी सांसदों की सैलरी बढ़ाने की मांग, सपा नेता बोले- कैबिनेट सचिव से भी कम है वेतन

सांसदों को हर महीने करीब 1.40 लाख रुपए मिलते हैं. इसमें कई तरह के भत्ते शामिल हैं. जैसे अपने संसदीय क्षेत्र में जाने पर, ऑफिस स्टेशनरी और रोजाना के भत्ते शामिल हैं. जबकि सांसदों की सैलरी बढ़ाने को लेकर गठित पार्लियामेंट्री कमेटी ने कहा था कि बढ़ती महंगाई के हिसाब से सांसदों की सैलरी बढ़नी चाहिए.

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सांसद नरेश अग्रवाल
सांसद नरेश अग्रवाल

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पिछले कई सत्र से माननीय सांसदों की सैलरी बढ़ाने को लेकर राज्य सभा में मांग उठाने वाले समाजवादी पार्टी से सांसद नरेश अग्रवाल ने एक बार फिर संसद के शीतकालीन सत्र में सांसदों की सैलरी बढ़ाने का मुद्दा राज्य सभा सभापति एम वेंकैया नायडू के सामने उठाया. सदन में अपनी मांग रखते हुए नरेश अग्रवाल ने कहा कि सांसदों की सैलरी अपने सेक्रेटरी से भी कम होती है.

सदन में नरेश अग्रवाल ने कहा कि योगी आदित्य नाथ की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी थी, जिसमें सांसदों की सैलरी बढ़ाने की सिफारिश की गई थी, उसको भी लागू नहीं किया गया. देश के जजों की सैलरी बढ़ाई जा रही है, पर सांसदों की सैलरी नहीं बढ़ाई जा रही है.

आपको बता दें कि अभी लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को हर महीने करीब 1.40 लाख रुपए मिलते हैं. इसमें कई तरह के भत्ते शामिल हैं. जैसे अपने संसदीय क्षेत्र में जाने पर, ऑफिस स्टेशनरी और रोजाना के भत्ते शामिल हैं. जबकि सांसदों की सैलरी बढ़ाने को लेकर गठित पार्लियामेंट्री कमेटी ने कहा था कि बढ़ती महंगाई के हिसाब से सांसदों की सैलरी बढ़नी चाहिए.

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1.40 लाख से 2.80 लाख रुपए हर महीने करने की सिफारिश भी हुई है. इसी को लागू करने के लिए उन्होंने शुक्रवार को सदन में अपनी मांग उठाई. जानकारी के मुताबिक सांसदों की सैलरी अलाउंसक को आखिरी बार 2010 में रिव्यू किया गया था. 300 फीसदी सैलरी और अलाउंस 2010 में बढ़ाए गए थे.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 1954 से अब तक 35 बार सांसदों की सैलरी को रिव्यू किया जा चुका है. 1954 से 2000 के बीच बेसिक सैलरी में 167 फीसदी, जबकि 2000 से 2010 के बीच इसमें 1150 फीसदी की बढ़ोत्तरी की जा चुकी है. देश के माननीयों का दर्द ये है कि उनकी सैलरी कैबिनेट सेक्रेटरी से काफी कम है. नरेश अग्रवाल का भी कुछ यही दर्द है कि कैबिनेट सेक्रेटरी की सैलरी यानी देश के सबसे बड़े ब्यूरोक्रेट की सैलरी भी माननीय सांसदों से ज्यादा है. बता दें कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद कैबिनेट सेक्रेटरी की सैलरी करीब 2.5 लाख रुपए प्रति माह है.

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