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2G मामला: सोमवार को विशेष अदालत में होगी सुनवाई

पहली एनडीए सरकार के समय टेली‍कॉम कंपनियों को अतिरिक्त 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़े मामले में दिल्ली की विशेष अदालत सोमवार को सुनवाई करने जा रही है. इससे इस मामले में कुछ गति आने की उम्मीद है. इस मामले में अभियुक्त के रूप में तलब किए गए उद्योगपति सुनील भारती मित्तल और रवि रुइया को अब अदालत में पेश होने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि वे अपने खिलाफ जारी सम्मन खारिज कराने में कामयाब हो गए हैं.

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पहली एनडीए सरकार के समय टेली‍कॉम कंपनियों को अतिरिक्त 2जी स्पेक्ट्रम आबंटन से जुड़े मामले में दिल्ली की विशेष अदालत सोमवार को सुनवाई करने जा रही है. इससे इस मामले में कुछ गति आने की उम्मीद है. इस मामले में अभियुक्त के रूप में तलब किए गए उद्योगपति सुनील भारती मित्तल और रवि रुइया को अब अदालत में पेश होने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि वे अपने खिलाफ जारी सम्मन खारिज कराने में कामयाब हो गए हैं.

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सुप्रीम कोर्ट के 26 अप्रैल 2013 के एक अंतरिम आदेश के बाद से इस मामले में सुनवाई एक तरह से रुक सी गई थी. भारती सेल्यूलर लि. के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मित्तल व एस्सार समूह के प्रवर्तक रुइया ने अपने खिलाफ सुनवाई अदालत के सम्मन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने इस मामले में उनके खिलाफ अगले आदेश तक सुनवाई पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मित्तल और रुइया के नाम सम्मन जारी करने के निचली अदालत के आदेश को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि इस मामले में कंपनी के साथ शेयरधाकर, निदेशक या प्रबंधक की अभिन्नता के सिद्धांत का अदालत द्वारा गलत ढंग से प्रयोग किया गया.

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ ने यह भी कहा कि सुनवाई अदालत ने ‘कानून के त्रुटिपूर्ण अर्थ’ के आधार पर ये सम्मन जारी किए थे. कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि मित्तल और रुइया के खिलाफ कोई सबूत पाया जाता है तो उन्हें अदालत में तलब किया जा सकता है.

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निचली अदालत ने मित्तल और रुइया को कनाडा के प्रवासी भारतीय असीम घोष को आरोपी के रूप में सम्मन दिया था. वह उस समय आरोपी कंपनी हच्चिसन मैक्स टेलीकॉम प्राइवेट लि. में प्रबंध निदेशक थे. मित्तल, रुइया और असीम घोष का नाम आरोपी के रूप में सीबीआई द्वारा दायर आरोपपत्र में नहीं था.

विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी सोमवार को पूर्व दूरसंचार सचिव श्यामल घोष व तीन टेलीकॉम कंपनियों भारती सेल्यूलर लि., हच्चिसन मैक्स टेलीकॉम प्राइवेट लि. (अब वोडाफोन इंडिया लि.) और सटरर्लिंग सेल्यूलर लि. (अब वोडाफोन मोबाइल सचिर्वसेज लि.) के खिलाफ सुनवाई करेंगे. श्यामल घोष व तीन कंपनियों के नाम 21 दिसंबर 2012 को दर्ज सीबीआई के आरोपपत्र में शामिल हैं.

- इनपुट भाषा से

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