स्पेशल पोटा कोर्ट ने 2002-03 बम धमाकों के 10 दोषियों को सजा सुनाई है. धमाकों के मुख्य दोषी मुजम्मिल अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. उसके अलावा वाहिद अंसारी और फरहान खोट को उम्रकैद की सजा मिली है.
बाकी आरोपियों को जो सजा दी गई है, वो उससे ज्यादा समय जेल में काट चुके हैं. इसलिए औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें रिहा कर दिया जाएगा.
अभियोजन पक्ष ने मंगलवार को मुजम्मिल अंसारी के लिए मौत की सजा जबकि चार अन्य के लिए उम्रकैद की सजा की मांग की थी.
2002-03 तक किए गए तीन धमाके
2002 से 2003 के बीच हुए तीन बम धमाकों में 12 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 139 लोग घायल हुए थे. पहला धमाका 6 दिसंबर 2002 को मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर किया गया था जिसमें 27 लोग जख्मी हुए थे. 27 जनवरी 2003 को विले पारले रेलवे स्टेशन पर एक धमाका हुआ था जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि 32 अन्य घायल हो गए थे. तीसरा और आखिरी धमाका 13 मार्च 2003 को मुलुंद स्टेशन पर पहुंचते ही एक ट्रेन के लेडीज कोच में किया गया था. तीसरे धमाके में 90 लोग घायल हुए थे.