स्पाइस एक्सप्रेस की अगुवाई वाली कंसोर्टियम ने बियांड विजुअल लाइन ऑफ साइट(BVLOS) की बुनियाद परीक्षण की सहमति डीजीसीए से मांगी थी, जिसे अब मंजूरी मिल गई है. स्पाइस एक्सप्रेस अगले कुछ दिनों तक एक सीमा के भीतर ट्रायल करेगा.
स्पाइसजेट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा, 'स्पाइसजेट के लिए टेक्नोलॉजी और खोज हमेशा प्राथमिक रहे. हम लोगों को बेहद अनुभव देना चाहते हैं. ड्रोन की टेस्टिंग कार्गो डिलिवरी सिस्टम की ओर बड़ा कदम है. इसके जरिए एयर ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा मिल सकता है और जरूरी, गैरजरूरी सुविधाओं की डिलिवरी भी हो सकती है. सुदूर भारत के ग्रामीण इलाकों में भी इसके जरिए मदद पहुंचेगी.
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स्पाइसजेट के साथ थ्रोटल एयरोस्पेस काम कर रही है. यह एक ड्रोन निर्माता कंपनी है. इसके साथ ही एक सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन फर्म इनवोलिया भी शामिल है. यह एयर ट्रैफिक अवेयरनेस की दिशा में काम करता है.
लॉकडाउन के दौरान स्पाइसजेट ने 12,298 टन का माल 1728 फ्लाइटों के जरिए सप्लाई किया है. इन उड़ानों के जरिए दवाइयां, सर्जिकल सप्लाई, सैनिटाइजर्स, फेस मास्क, कोरोना रैपिड टेस्ट किट्स और मेडिकल उपकरणों को भारत के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाया गया था.
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स्पाइसजेट एयरलाइंस ने व्यापक स्तर पर अपनी सेवाओं का विस्तार किया है. स्पाइसजेट ने जकार्ता, काठमांडो, सूडान, दक्षिण कोरिया, बगदाद, कंबोडिया, अबूधाबी, कुवैत, बैंकाक, यूक्रेन और इंडोनेशिया जैसी जगहों पर अपनी सेवाओं को विस्तार दिया है.