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मालेगांव ब्लास्ट: NIA से नाराज सरकारी वकील ने कहा- इससे बढ़िया इस्तीफा दे दूं

मालेगांव ब्लास्ट में सरकारी अविनाश रसल को एनआईए द्वारा चार्जशीट दाखिल करना नागवार गुजरा. रसल को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी. इस पर रसल ने कहा कि उन्हें अंधेरे में रखा गया, इससे तो बढ़िया है कि मैं इस्तीफा दे दूं. हालांकि बाद में उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया.

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साध्वी प्रज्ञा को NIA ने दी क्लीन चिट
साध्वी प्रज्ञा को NIA ने दी क्लीन चिट

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एनआईए ने शुक्रवार को मालेगांव ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा समेत 6 आरोपियों के खिलाफ लगे सारे आरोपों को खारिज कर दिया. इस संबंध में एनआईए ने शुक्रवार को विशेष कोर्ट में पूरक आरोप पत्र भी दायर किया.

मालेगांव ब्लास्ट में सरकारी अविनाश रसल को एनआईए द्वारा इस तरह चार्जशीट दाखिल करना नागवार गुजरा. रसल को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी. इस पर रसल ने कहा कि उन्हें अंधेरे में रखा गया, इससे तो बढ़िया है कि मैं इस्तीफा दे दूं. हालांकि बाद में उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया.

रसल ने कहा कि उन्हें आरोप पत्र दाखिल करने के बारे में जानकारी नहीं थी. इससे उन्हें काफी निराशा हुई. उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि एनआईए ने उनसे कहा था कि अदालत में आवेदन देकर उसे सूचित किया जाए कि इस महीने के अंत तक आरोपपत्र दायर किया जाएगा लेकिन कुछ दिनों के अंदर ही आरोपपत्र दायर कर दिया गया

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हेमंत करकरे की जांच में थीं खामियां
गौरतलब है कि NIA ने पूरक चार्जशीट में कर्नल पुरोहित समेत 10 लोगों के नाम शामिल किए गए है. इस चार्जशीट में महाराष्ट्र एटीएस की जांच पर सवाल उठाया गया है, वहीं साध्वी प्रज्ञा से मकोका हटा लिया गया है.

चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि 26/11 आतंकी हमलों में शहीद हुए महाराष्ट्र एटीएस के पूर्व चीफ हेमंत करकरे ने मालेगांव ब्लास्ट केस में जो जांच की उसमें कई खामियां थीं. यही नहीं, कर्नल प्रसाद पुरोहित और दूसरे मुख्य आरोपियों के खिलाफ जो सबूत दिखाए गए वो मनगढंत थे और चश्मदीदों से दबाव में बयान दर्ज कराए गए थे.

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