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श्रीश्री ने यमुना को पहुंचाया भारी नुकसान, ठीक करने में लगेंगे 42 करोड़ रुपये: रिपोर्ट

आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर की संस्था ऑर्ट ऑफ लिविंग (AoL) के विश्व सांस्कृतिक महोत्सव से यमुना के डूब क्षेत्र को पूरी तरह बरबाद कर दिया. एक विशेषज्ञ समिति ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) से यह बात कही है.

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श्रीश्री रविशंकर
श्रीश्री रविशंकर

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आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर की संस्था ऑर्ट ऑफ लिविंग (AoL) के विश्व सांस्कृतिक महोत्सव से यमुना के डूब क्षेत्र को पूरी तरह बर्बाद कर दिया, जिसे ठीक करने में 10 साल का वक्त लगेगा. जल संसाधन मंत्रालय के सचिव शशि शेखर की अध्यक्षता एक विशेषज्ञ समिति ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) से यह बात कही है.

 

समिति ने साथ ही कहा कि श्रीश्री रविशंकर के इस कार्यक्रम से यमुना की पारिस्थितिकी को हुए भौतिक और जैविक नुकसान को ठीक करने में कुल 42 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. 10 वर्षों तक चलने वाले इस काम में जैविक नुकसान की भरपाई में 13.29 करोड़ रुपये तथा भौतिक क्षति को ठीक करने में 28.73 करोड़ रुपये का खर्च बैठेगा.

विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल मार्च में हुए इस महोत्सव की वजह से यमुना के डूबक्षेत्र में पनपने वाली जैव विविधता वहां से हमेशा के लिए गायब हो गई है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सबसे ज्यादा नुकसान उस जगह को पहुंचा है जहां पर रविशंकर ने अपना विशालकाय स्टेज लगवाया था.

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विशेषज्ञ समिति ने एनजीटी को बताया है कि यमुना नदी के बाढ़ क्षेत्र को हुए नुकसान की भरपाई के लिए बड़े पैमाने पर काम कराना होगा. समिति ने कहा, ऐसा अनुमान है कि यमुना नदी के पश्चिमी भाग (दाएं तट) के बाढ़ क्षेत्र के करीब 120 हेक्टेयर (करीब 300 एकड़) और नदी के पूर्वी भाग (बाएं तट) के करीब 50 हेक्टेयर (120 एकड़) बाढ़ क्षेत्र पारिस्थितिकीय तौर पर प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं. समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि अब यमुना किनारे की इस जमीन को उसी पुराने स्वरूप में वापस लाने की जरूरत है, जैसी वह कार्यक्रम से कुछ महीनों पहले तक थी.

दरअसल, पिछले साल 11 से 13 मार्च के बीच यमुना किनारे हुए इस महोत्सव से पहुंचे पर्यावरण को नुकसान के मद्देनजर चार सदस्यों वाली एक समिति ने शुरू में सिफारिश की थी कि श्रीश्री रविशंकर की आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन को यमुना नदी के बाढ़ क्षेत्र को हुए गंभीर नुकसान के कारण पुनर्वास लागत के तौर पर 100-120 करोड़ रुपये का भुगतान करना चाहिए. हालांकि बाद में इसे घटा कर पांच करोड़ रुपये का अंतरिम पर्यावरण जुर्माना लगाया था, आर्ट ऑफ लिविंग ने काफी हील-हुज्जत के बाद चुका दिया था. ऐसे में अब समिति की इस रिपोर्ट के बाद संभावना है कि एनजीटी जुर्माने की यह राशि बढ़ा सकती है.

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