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कश्मीर में अमन के लिए मध्यस्थता को तैयार श्रीश्री रविशंकर, हुर्रियत नेताओं से मिलेंगे

राम मंदिर मामले में मध्यस्थता की भूमिका निभाने में दिलचस्पी दिखाने वाले अध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर अब कश्मीर में अमन-बहाली के लिए भी तैयार हैं. श्रीश्री ने कहा कि कश्मीर घाटी में शांति लाने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग ने एक छोटा कदम उठाया है. उन्होंने जल्द ही हुर्रियत नेताओं से मुलाकात करने की भी बात कही है.

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श्रीश्री रविशंकर (फाइल फोटो)
श्रीश्री रविशंकर (फाइल फोटो)

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राम मंदिर मामले में मध्यस्थता की भूमिका निभाने में दिलचस्पी दिखाने वाले आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर अब कश्मीर में अमन-बहाली के लिए भी तैयार हैं. श्रीश्री ने कहा कि कश्मीर घाटी में शांति लाने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग ने एक छोटा कदम उठाया है. उन्होंने जल्द ही हुर्रियत नेताओं से मुलाकात करने की भी बात कही है.

भारत को मजबूत राष्ट्र बनाना चाहते हैं

श्रीश्री रविशंकर शहीदों के परिवार वालों और हथियार डालकर सामान्य जीवन जीने वाले पूर्व आतंकवादियों को साथ लाने के लिए बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम ‘पैगाम-ए-मोहब्बत’ के दौरान पत्रकारों से बातचीत की.  रविशंकर ने कहा कि एक मध्यस्थ के तौर पर हम हुर्रियत नेताओं से भी मिलेंगे. हम सभी से मिलना चाहते हैं. हमारा उद्देश्य बहुत स्पष्ट है. हम शांति और खुशहाली लाना चाहते हैं. इसके साथ हम भारत को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं.

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अलग-अलग विचारों से विचलित नहीं होंगे

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक पत्रकारों से बातचीत में श्रीश्री ने कहा कि अगर देश के किसी हिस्से में कोई व्यक्ति पीड़ा सह रहा है तो यह राष्ट्र के लिए एक धब्बा है. हालांकि उन्होंने कहा कि वे अलग-अलग विचारों से विचलित नहीं होंगे. ऑर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक ने कहा कि यह पहल एक मंच पर पहुंच गया है और यह संगठन इसे आगे ले जाना चाहता है.

(अयोध्या मामले में श्रीश्री रविशंकर से मुलाकात करते उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी)

श्रीश्री ने गैरराजनीतिक प्रयास बताया था

अयोध्या मामले में मध्यस्थता की भूमिका निभाने के लिए श्रीश्री रविशंकर से उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने मुलाकात भी की थी. मध्यस्थता की पहल की शुरुआत करते हुए श्रीश्री रविशंकर ने कहा था, 'अब एक ऐसे मंच की जरूरत है, जहां दोनों समुदाय के लोग अपने बीच का भाईचारा दिखा सकें. ऐसी ही कोशिश 2003-04 में भी की थी, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं, लोग शांति चाहते हैं.' उन्होंने यह भी साफ किया था कि यह प्रयास वह खुद कर रहे हैं और यह पूरी तरह अराजनीतिक हैं.

राम विलास वेदांती ने किया था विरोध

राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे बीजेपी के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने श्री श्री की मध्यस्थता को स्वीकार करने से इनकार किया था. उन्होंने कहा था कि 'श्री श्री रविशंकर की मध्यस्थता किसी भी हालत में स्वीकार नहीं की जाएगी. राम जन्मभूमि आंदोलन राम जन्मभूमि न्यास और विश्व हिंदू परिषद ने लड़ा है इसलिए वार्ता का अवसर भी इन दोनों संगठनों को मिलना चाहिए.'

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