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श्रीप्रकाश जायसवाल ने पूर्व कोयला सचिव परख को 'शेख चिल्ली' बताया

कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने पूर्व कोयला सचिव पीसी परख को प्रधानमंत्री के बारे में दिये उनके बयान के लिए 'शेख चिल्ली' बताया.

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श्रीप्रकाश जायसवाल
श्रीप्रकाश जायसवाल

कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने पूर्व कोयला सचिव पीसी परख को प्रधानमंत्री के बारे में दिये उनके बयान के लिए 'शेख चिल्ली' बताया.

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परख ने कहा था कि हिंडाल्को को कोयला खान आवंटन में कथित अनियमितताओं के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की भी बराबर के जिम्मेदार हैं. जायसवाल ने इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी इस बयान का समर्थन किया कि सिंह ने यह फैसला मामले की विशेषता के आधार पर किया था.

उन्होंने कहा, 'शेख चिल्लियों द्वारा दिए गए किसी बयान पर कोई टिप्पणी हम नहीं करना चाहते.' जायसवाल से परख के उस बयान के बारे में पूछा गया था, जो उन्होंने तालाबीरा-2 कोयला खान आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी हिंडाल्को को 2005 में आवंटित करने के बारे में दिए थे.

सीबीआई ने आवंटन में कथित अनियमितताओं के लिए अपनी प्राथमिकी में पारेख तथा हिंडाल्को के चैयरमेन कुमार मंगलम बिड़ला का नाम लिया है. इस प्राथमिकी के जवाब में पारेख ने कहा था कि प्रधानमंत्री के पास कोयला मंत्रालय का प्रभार था, इसलिए वे भी किसी तरह की अनियमितता के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं.

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इस बारे में परख से बात नहीं हो पाई. प्रधानमंत्री का बचाव करते हुए जायसवाल ने कहा कि वह प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा इस बारे में 19 अक्तूबर को जारी बयान से पूरी तरह सहमत हैं. इस बयान में कहा गया था कि यह आवंटन पूरी कानूनी प्रक्रिया तथा मामले की वरीयता के आधार पर जारी किया गया.

यह फैसला प्राथमिक रूप से ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वरा इस तरह के आवंटन की मजबूत सिफारिश के आधार पर किया गया. उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान से शत प्रतिशत सहमत हूं.' जायसवाल ने हालांकि सीबीआई द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने पर कोई टिप्पणी से इनकार किया. उन्होंने कहा कि मामले की निगरानी उच्चतम न्यायालय कर रहा है.

जायसवाल ने यह भी कहा कि निवेशकों की धारणा को प्रभावित करने वाला कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि किसी को भी ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिये जिससे देश के औद्योगीकरण अथवा किसी वर्ग विशेष पर प्रभाव पड़ता हो.

देश के प्रमुख उद्योगपति का प्राथमिकी में नाम आने से क्या निवेश माहौल प्रभावित होगा, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'कोयला मंत्रालय का मानना है कि हमें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए, जिससे देश में निवेश माहौल प्रभावित हो.' यह पूछे जाने पर कि गुम हुई फाइलों के मामले में क्या कोयला मंत्रालय सीबीआई के साथ सहयोग कर रहा है. जायसवाल ने कहा, 'मंत्रालय इस मामले में जांच में पूरा सहयोग कर रहा है. करीब-करीब सभी दस्तावेज और फाइलें सौंप दी गई हैं.'

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