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मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकती है शि‍वसेना

सत्ता पर काबिज होने के पांच महीने बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को पहली बार अपने कैबिनेट का विस्तार और फेरबदल करने वाले हैं. राष्ट्रपति भवन में दोपहर डेढ़ बजे शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन होगा. इस बीच खबर है कि शि‍वसेना नेता अनिल देसाई भी समारोह में शामिल होने वाले हैं. देसाई को मंत्रिमंडल में 20 नए चेहरों में भी शामिल किए जाने की खबर है.

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नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

सत्ता पर काबिज होने के पांच महीने बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को पहली बार अपने कैबिनेट का विस्तार और फेरबदल करने वाले हैं. राष्ट्रपति भवन में दोपहर डेढ़ बजे शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन होगा. इस बीच खबर है कि शि‍वसेना नेता अनिल देसाई भी समारोह में शामिल होने वाले हैं. देसाई को मंत्रिमंडल में 20 नए चेहरों में भी शामिल किए जाने की खबर है. शपथ ग्रहण से पहले पीएम ने अपने आवास पर संभावित मंत्रियों को चाय पर बुलाया.

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महाराष्ट्र में सियासी माथापच्ची के बीच पहले जहां शिवसेना ने खुद को शपथ ग्रहण समारोह से दूर रखने की बात कही थी, वहीं अब शपथ ग्रहण समारोह के लिए पार्टी सांसद अनिल देसाई मुंबई से दिल्ली रवाना हो चुके हैं. यही नहीं, खबरों के मुताबिक बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शि‍वसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से फोन पर बात भी की है. रविवार को ही शाम 4 बजे मुंबई में शिवसेना विधायक दल की बैठक भी होने वाली है. जाहिर तौर पर बीजेपी की चाहत मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए विधानसभा चुनावों के दौर में सभी प्रदेश को लेकर सामंजस्य बिठाने की भी है. 

शि‍वसेना-बीजेपी के बीच तनाव कायम

इससे पहले शनिवार रात को शिवसेना के एक सदस्य को मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने के मुद्दे पर आखिरी समय में कुछ समस्याएं सामने आ गई थी. ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र में कुछ अनसुलझे मुद्दों के मद्देनजर यह समस्या सामने आई. देर रात अनंत गीते प्रधानमंत्री से मिलना चाह रहे थे पर यह संभव नहीं हो सका. गीते ने कहा, ‘मैं उनसे मिल नहीं सका.’ उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से केंद्र सरकार में किसी नए नेता को मंत्री बनाने के मुद्दे पर अंतिम निर्णय नहीं किया गया है.

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शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पहले ही मांग कर चुके हैं कि महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार द्वारा विश्वास मत का सामना करने से पहले ही उनकी पार्टी को राज्य सरकार में शामिल किया जाना चाहिए.

मौजूदा मंत्रिपरिषद में कुल 45 मंत्री हैं, जिनमें प्रधानमंत्री सहित 23 कैबिनेट मंत्री हैं, जबकि 22 राज्य मंत्री हैं. 22 राज्य मंत्रियों में से 10 के पास स्वतंत्र प्रभार है.

इनमें से कई को मिल सकता है मंत्री पद...
नरेंद्र मोदी सरकार के पहले मंत्रिपरिषद विस्तार में करीब 20 नए चेहरों को शामिल किए जाने की संभावना है, जिनमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता मनोहर पर्रिकर, मुख्तार अब्बास नकवी, राजीव प्रताप रूडी और बंडारू दत्तात्रेय को भी मंत्री पद दिया जा सकता है. तेलुगूदेशम पार्टी (TDP) के एक प्रतिनिधि को शामिल किया जाना तय माना जा रहा है.

इस कवायद में मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना है. रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार अभी केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के जिम्मे है. नए मंत्रियों को रविवार दोपहर 1:30 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई जाएगी. शपथ-ग्रहण समारोह से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन नेताओं को नाश्ते पर बुलाएंगे, जिन्हें मंत्री बनाया जाना है.

दलित नेता व पंजाब की होशियारपुर लोकसभा सीट से पहली बार सांसद चुने गए विजय साम्पला और पिछले आम चुनाव में बीजेपी के टिकट पर सांसद बने आरजेडी  के पूर्व नेता रामकृपाल यादव को भी मंत्री पद मिलने की संभावना है. इसके अलावा, पश्चिम बंगाल से बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो को भी मंत्री बनाया जा सकता है. मुंबई के IIT से पढ़ाई कर चुके पर्रिकर गोवा से पहले कैबिनेट मंत्री होंगे और प्रधानमंत्री मोदी से उनके रिश्ते काफी अच्छे बताए जाते हैं.

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बीजेपी के प्रमुख मुस्लिम चेहरा मुख्तार अब्बास नकवी (57) करीब 15 साल बाद केंद्रीय मंत्रिपरिषद में वापसी कर सकते हैं. वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सूचना व प्रसारण राज्यमंत्री के पद पर थे. उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य नकवी अभी बीजेपी के उपाध्यक्ष हैं.

पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री रूडी भी 10 साल के अंतराल के बाद सरकार में वापसी कर सकते हैं. इसी तरह, सिकंदराबाद से चार बार के सांसद दत्तात्रेय को भी मंत्री बनाया जा सकता है. वाजपेयी सरकार में मंत्री रह चुके दत्तात्रेय तेलंगाना के रहने वाले हैं.

आंध्र प्रदेश से TDP के वाईएस चौधरी को मंत्री पद मिलने की संभावना है. उद्योगपति से नेता बने चौधरी को राज्यमंत्री का पद दिया जा सकता है. TDP के राज्यसभा सदस्य 53 साल के चौधरी पार्टी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू के करीबी माने जाते हैं.

जिन अन्य नेताओं को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है, उनमें बीजेपी महासचिव जगत प्रकाश नड्डा, उत्तराखंड से पार्टी के नेता अजय टम्टा, झारखंड से पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा, हरियाणा के जाट नेता बीरेंद्र सिंह, बिहार के भूमिहार नेता गिरिराज सिंह, राजस्थान से सोनाराम चौधरी और गजेंद्र सिंह शेखावत, महाराष्ट्र से हंसराज अहीर और छत्तीसगढ़ से रमेश बैस के नाम शामिल हैं.

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ऐसी अटकलें हैं कि कुछ मंत्रियों को अपना पद गंवाना भी पड़ सकता है, जबकि कुछ मंत्रियों को कैबिनेट रैंक में तरक्की दी जा सकती है.

जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री के दूत और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु के बारे में चर्चा है कि उन्हें योजना आयोग की जगह बनाई जा रही एक नई संस्था का प्रमुख नियुक्त किया जा सकता है. उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलने की संभावना है.

अभी कई के पास हैं अतिरिक्त प्रभार
छह से ज्यादा मंत्रियों के पास अभी एक से ज्यादा विभागों का प्रभार है. सड़क परिवहन व जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी के पास ग्रामीण विकास मंत्रालय का भी अतिरिक्त प्रभार है, जबकि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के पास संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का भी प्रभार है. पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के पास सूचना व प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार है, जबकि ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल कोयला व खदान मंत्रालयों की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू के पास शहरी विकास, जबकि वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री निर्मला सीतारमण के पास वाणिज्य मंत्रालय का भी अतिरिक्त प्रभार है.

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