देश के दो सबसे बड़े बैंक. स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक ने अपनी प्रधान ब्याज दर में आधा-आधा प्रतिशत की वृद्धि कर दी जिससे इन बैंकों के मौजूदा आवास, वाहन एवं कारपोरेट कर्ज महंगे हो जाएंगे.
स्टेट बैंक की प्रधान ब्याज दर आधा प्रतिशत बढकर 12.25 प्रतिशत हो गई जो 17 अगस्त से प्रभावी होगी. वहीं आईसीआईसीआई बैंक की ब्याज दर आधा प्रतिशत बढ़कर 16.25 प्रतिशत पर पहुंच गई जो कि 18 अगस्त से लागू होगी.
रिजर्व बैंक की जुलाई अंत में जारी मौद्रिक समीक्षा के बाद सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के कई बैंकों ने कर्ज पर ब्याज दर बढ़ाई है. इससे पहले उन्होंने विभिन्न अवधि की जमाओं पर भी ब्याज दरें बढ़ाने की घोषणा की. स्टेट बैंक ने भी आज कर्ज की ब्याज दर बढ़ाने के साथ ही विभिन्न अवधि की सावधि जमाओं पर डेढ़ प्रतिशत तक ब्याज दर बढ़ाने की घोषणा की.
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू में लाने के लिए बैंकों के साथ अल्पकालिक लेनदेन वाली दरों में आधा प्रतिशत तक वृद्धि कर दी थी. केन्द्रीय बैंक ने रेपो दर में चौथाई प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर में आधा प्रतिशत वृद्धि की थी जिससे बैंकों के धन की लागत बढ़ गई थी. इसके बाद पूरे बैंकिंग उद्योग में ब्याज दरों में वृद्धि का सिलसिला शुरू हो गया.
एसबीआई ने कहा है कि नये ग्राहकों को कोई भी कर्ज आधार दर के अनुरुप ही मिलेगा. बैंकों में एक जुलाई से आधार दर प्रणाली शुरु हो गई है. वहीं दूसरी ओर, आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि बीपीएलआर और एफआरआर 30 जून, 2010 तक लिए गए ऋणों एवं अग्रिमों पर ब्याज दर निर्धारण के लिए इस्तेमाल किए जाते थे. एक जुलाई, 2010 से नए ऋणों एवं अग्रिमों पर ब्याज दर आधार दर पर निर्धारित की जा रही है.
आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि बैंक ने आवास ऋण सहित उपभोक्ता ऋण के लिए फ्लोटिंग संदर्भ दर (एफआरआर) भी आधा प्रतिशत बढ़ा दी है जिससे वह 13.25 प्रतिशत हो जाएगी जो अभी 12.75 प्रतिशत है.
आईसीआईसीआई बैंक ने स्पष्ट किया कि फिक्स्ड रेट के ग्राहकों पर उक्त बढ़ोतरी का प्रभाव नहीं पड़ेगा.
एसबीआई ने बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में कहा, ‘‘बैंक ने अपनी प्रधान उधारी दरें 0. 50 फीसद बढ़ाकर 12. 25 फीसद सालाना कर दी हैं, जो अभी तक 11. 75 फीसद पर थी.
इससे पहले, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक आफ बडौदा, बैंक आफ इंडिया, ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स और केनरा बैंक सहित कई अन्य बैंक अपनी बीपीएलआर दर में आधा प्रतिशत तक वृद्धि कर चुके हैं.