केंद्र सरकार को उम्मीद है कि 31 जुलाई तक सभी राज्यों में रियल एस्टेट अथॉरिटी बन जाएगी. केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का कहना है कि राज्यों में अथॉरिटी पर स्थिति साफ नहीं है और केंद्र सरकार की इस पर नजर है. केंद्रीय शहरी विकास और गरीबी उन्मूलन मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा हैं कि मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि कोई राज्य सरकार रियल एस्टेट ऐक्ट के किसी प्रावधान को हल्का करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि यह उनकी न्यायिक जवाबदेही है और ऐसा करने पर उन्हें आलोचना का सामना भी करना पड़ सकता है. ऐसे नियमों पर अमल कराने के लिए अधिकृत राज्यसभा की अधीनस्थ विधान समिति निगरानी कर रही है. ताकि मूल एक्ट को किसी भी तरह कमजोर न किया जा सके.
कानून का पूरी तरह पालन हो : राव इंद्रजीत सिंहदरअसल, किसी भी कानून को लागू करने के लिए नियम बनतें हैं. संविधान के मुताबिक, भूमि राज्य का विषय इसलिए केंद्रीय कानून होने के बावजूद राज्य स्थानीय परिस्थितियों के मुताबिक उसके नियमों में संशोधन कर सकतें हैं. इस ताकत का इस्तेमाल करते हुए कुछ राज्यों ने नियम बदल लिए हैं. आइए देखते हैं कि किन राज्यों ने नियम बदलाव किए -
महाराष्ट्र-
महाराष्ट्र में बिल्डरों को दंडित करने और पेनॉल्टी पर स्थिति साफ नहीं की है. प्लान में संशोधन के लिए दो तिहाई खरीददारों की सहमति को हटाकर उनके स्थान पर जमा किए गए आखिरी प्लान को ही मानने का प्रावधान किया है जो कि बिल्डर फ्रेंडली है. अथॉरिटी गठित और रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिया है.
राजस्थान-
राजस्थान में बिल्डर पर अर्थदंड केंद्रीय कानून के 10 फीसदी के मुकाबले घटाकर पांच फीसदी किया है. अधिसूचना में कैद के प्रावधान की जगह आर्थिक भरपाई से केस के समझौते वाले प्रावधान का जिक्र किया गया है. विधिवत अथॉरिटी के गठन कि जिम्मेदारी एक अफसर को सौंप दी गई है.
बिहार-
बिहार में पेमेंट शेड्यूल पर नोटिफिकेशन की स्थिति साफ नहीं गई है. अथॉरिटी का गठन न होने से कानून का सीधा फायदा जनता को अभी तक नहीं मिला है.
उत्तराखंड-
उत्तराखंड में पेमेंट शेड्यूल और अधूरे प्रोजेक्ट पर स्थिति साफ नहीं की गई है. नोटिफिकेशन में अर्थदंड का जिक्र नहीं किया गया है. और अथॉरिटी का गठन भी नहीं हुआ है.
मध्यप्रदेश-
मध्यप्रदेश के बिल्डरों को कैद व जुर्माने के प्रावधान में जुर्माने की रकम में संशोधन का अधिकार सरकार ने अपने पास रखा है. इसका जिक्र नोटिफिकेशन में पेमेंट शेड्यूल मे नहीं किया गया है.